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उत्तराखंड में एक बार फिर युवा नीति में बदलाव की तैयारी, जानिए

उत्तराखंड में एक बार फिर से युवा नीति में बदलाव की तैयारी चल रही है। यूएनडीपी के सुझावों के आधार पर नीति में बदलाव किया जाएगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 08:18 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 07:56 PM (IST)
उत्तराखंड में एक बार फिर युवा नीति में बदलाव की तैयारी, जानिए
उत्तराखंड में एक बार फिर युवा नीति में बदलाव की तैयारी, जानिए

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार युवा नीति में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सुझावों के आधार पर नीति में बदलाव किया जाएगा। अब शासन यूएनडीपी के साथ कुछ दिनों पूर्व हुई बैठक की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है ताकि इसमें मिले सुझावों को नीति में शामिल किया जा सके।

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प्रदेश में वर्ष 2011 में युवा नीति बनाई गई थी। इस नीति में युवाओं को दो आयु वर्ग में बांटा गया, जिसमें छह से 14 वर्ष के आयुवर्ग का एक वर्ग और 35 वर्ष से कम आयु के युवाओं का अलग वर्ग बनाया गया है। नीति में इन दोनों वर्गों के सर्वांगीण विकास का खाका खींचा गया था कि किस तरह से छह से 14 वर्ष के बच्चों के विकास की रूपरेखा तय की जाए जिससे वे स्वयं के साथ ही देश के विकास में सहभागी बन सकें।

इसी तरह दूसरे आयुवर्ग के युवाओं के लिए रोजगार के साथ ही देश के विकास में उनकी भूमिका सुनिश्चित करने की बात कही गई है। इस नीति के तहत युवाओं के विकास के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ ही सेवायोजन एवं प्रशिक्षण, शिक्षा, खेल व स्वास्थ्य आदि विभागों की सामूहिक जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है। 

यह बात अलग है कि विभागों के आपसी तालमेल में कमी के चलते युवा नीति अपने उद्देश्य में सफल नहीं हुई। कुछ समय पहले संयुक्त राष्ट्र ने भी सभी देशों से युवाओं को सशक्त बनाने के लिए कुछ बिंदुओं पर काम करने को कहा है। इसी के आधार पर यूएनडीपी का एक प्रतिनिधिमंडल नवंबर अंत में उत्तराखंड आया था। इस दौरान इस प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के विभिन्न विभागों, गैर सरकारी संस्थाओं और सिविल सोसायटी के सदस्यों से विचार विमर्श किया था। अब इसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। 

युवा कल्याण मंत्री अरविंद पांडेय  ने कहा कि युवा नीति में युवाओं की भागीदारी बढ़ी है। यूएनडीपी के जरिये युवा नीति में बदलाव का मसौदा तैयार किया जा रहा है। 

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