Uttarakhand glacier burst: जोशीमठ-मलारी हाईवे पर बीआरओ तैयार कर रहा वैली ब्रिज
जोशीमठ-मलारी हाईवे पर रैणी गांव के निकट ऋषिगंगा की आपदा में बह गए पुल की जगह सीमा सड़क संगठन की ओर से वैली ब्रिज लगाने का काम चल रहा है। बीआरओ ने बताया कि निर्माण कार्य पांच मार्च यानी शुक्रवार तक पूरा होने की संभावना है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। Uttarakhand chamoli glacier burst जोशीमठ-मलारी हाईवे पर रैणी गांव के निकट ऋषिगंगा की आपदा में बह गए पुल की जगह सीमा सड़क संगठन की ओर से वैली ब्रिज लगाने का काम चल रहा है। बीआरओ शिवालिक परियोजना के मुख्य अभियंता आशु सिंह राठौर ने बताया कि निर्माण कार्य पांच मार्च यानी शुक्रवार तक पूरा होने की संभावना है।
नीति घाटी में रैणी गांव के निकट ऋषिगंगा नदी पर सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन सीमा को जोड़ने वाला वैली ब्रिज अब नई जगह पर बनाया जा रहा है। आपदा से पहले जिस स्थान पर यह पुल बना था, वहां काफी हिस्सा उफान में बह जाने से नदी की चौड़ाई अधिक हो जाने के कारण ऐसा करना पड़ा। पुल टूटने से सीमावर्ती दर्जनभर गांवों संपर्क कटा रहा। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने चौबीसों घंटे काम करके जल्द से जल्द इस पुल को तैयार करने में जुटा है।
गौरतलब है कि रैणी गांव के पास ऋषिगंगा पर 90 मीटर स्पान का वैली ब्रिज था, जो ऋषिगंगा में आई आपदा में ध्वस्त हो गया। उफान में पुल के साथ ही दोनों तरफ एबडमेंट और आसपास की जमीन भी बह गई। इससे वहां पर नदी की चौड़ाई दो सौ मीटर हो गई। ऐसे में वहां वैली ब्रिज बनाना संभव नहीं था। तमाम विकल्पों पर विचार करने के बाद नई जगह पर वैली ब्रिज बनाने पर सहमति बनी।
बीआरओ चीफ इंजीनियर आशु सिंह राठौड़ के मुताबिक यह पुल मौजूदा स्थल से कुछ दूरी पर है। वहां इसे मुख्य हाईवे से जोड़ा जाएगा। इसके लिए ऋषिगंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट के बैराज से करीब ढाई सौ मीटर लंबा नया मार्ग बनाया जा रहा है। यहां कटिंग का काम शुरू कर दिया गया है। नया पुल तकरीबन 58 मीटर स्पान का होगा।
यह भी पढ़ें- चीन सीमा जोड़ने को नया वैली ब्रिज बनाने का काम शुरू, बीआरओ रात-दिन काम कर इसे जल्द करेगा पूरा
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें