Move to Jagran APP

Uttarakhand Politics: राजभवन कूच से पूर्व सीएम हरीश रावत की दूरी, कांग्रेस पार्टी में हलचल तेज

उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाता है या नहीं इसे लेकर अब कांग्रेस हाईकमान पर नजरें टिकी हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस मुद्दे पर आरपार का रुख अपना चुके हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 07:05 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 07:42 PM (IST)
Uttarakhand Politics: राजभवन कूच से पूर्व सीएम हरीश रावत की दूरी, कांग्रेस पार्टी में हलचल तेज
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाता है या नहीं, इसे लेकर अब कांग्रेस हाईकमान पर नजरें टिकी हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस मुद्दे पर आरपार का रुख अपना चुके हैं। शुक्रवार को किसानों की मांगों के समर्थन में कांग्रेस के राजभवन कूच कार्यक्रम के दौरान प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव मौजूदगी के बावजूद कार्यक्रम से उनके दूरी बनाने से पार्टी की सियासत में हलचल मच गई है। 

loksabha election banner

आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक सालभर पहले मुख्यमंत्री के भावी चेहरे को लेकर स्थिति स्पष्ट करने का हरीश रावत का हठ, पार्टी के लिए चुनौती से कम नहीं है। अभी तक प्रदेश में कांग्रेस की सियासत में बड़ी भूमिका निभाते रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आगामी चुनाव में भी अपनी निर्णायक भूमिका चाहते हैं। सब धड़ों को एकजुट कर पूरी ताकत से जोर आजमाइश करने के जिस मंत्र पर पार्टी आगे बढ़ रही थी, फिलवक्त उस पर रावत ने ब्रेक लगा दिया है। सबको साथ लेकर चलने और सामूहिक नेतृत्व से खुद को अलहदा करने के संकेत उन्होंने दे दिया। यही वजह है कि अब इस मामले में पार्टी हाईकमान के रुख पर नजरें गड़ गई हैं। 

माना ये भी जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव शुक्रवार को अपने दून दौरे पर पार्टी के रुख को एक बार फिर स्पष्ट कर सकते हैं, या हरीश रावत को संतुष्ट करने के लिए समाधान की राह निकाल सकते हैं। हालांकि, प्रभारी के आगमन के बावजूद उन्होंने अपने तेवर ढील नहीं पड़ने देने की मंशा भी जता दी है। दिल्ली में आंदोलनरत किसानों के प्रति समर्थन जताने और कृषि कानूनों को रद करने को लेकर शुक्रवार को होने वाले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के राजभवन कूच कार्यक्रम से उन्होंने दूरी बना ली है। 

इसके लिए उन्होंने अन्यत्र व्यस्तता का हवाला भले ही दिया हो, लेकिन प्रभारी की मौजूदगी के बावजूद कार्यक्रम में उनके शामिल नहीं होने को सियासी गलियारों में उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। इस दौरान वह अल्मोड़ा में मौजूद रहेंगे। उक्त कार्यक्रम में रावत समर्थक नेताओं और विधायकों की मौजूदगी पर भी पार्टी की निगाहें रहेंगी।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड सचिवालय संघ का चुनाव 22 जनवरी को, इसी दिन घोषित हो जाएंगे परिणाम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.