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उत्तराखंड में बेकाबू हो रही जंगल की आग, 24 घंटे में 104 घटनाएं; 152 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित

Uttarakhand Forest Fire उत्तराखंड में जंगलों की आग बेकाबू होती जा रही है। तमाम प्रयास के बावजूद आग जंगलों से सटे रिहायशी इलाकों में पहुंच गई है। कुमाऊं के चंपावत में आग की चपेट में आकर एक ग्रामीण का मकान जल गया।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 01:41 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 01:41 PM (IST)
उत्तराखंड में बेकाबू हो रही जंगल की आग, 24 घंटे में 104 घटनाएं; 152 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित
उत्तराखंड में बेकाबू हो रही जंगल की आग।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Forest Fire उत्तराखंड में जंगलों की आग बेकाबू होती जा रही है। तमाम प्रयास के बावजूद आग जंगलों से सटे रिहायशी इलाकों में पहुंच गई है। कुमाऊं के चंपावत में आग की चपेट में आकर एक ग्रामीण का मकान जल गया, जबकि कई जगह घास के ढेर और खेतों को भी नुकसान पहुंचा है। साथ ही मवेशियों के झुलसने की भी सूचना है। बीते 24 घंटे में प्रदेश में 104 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 152 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है।

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चंपावत के टनकपुर में जंगल की आग ककनई गांव तक पहुंच गई। जहां एक ग्रामीण का मकान जल गया, गनीमत रही कि इस दौरान घर पर कोई नहीं था। बागेश्वर जिले में आग से आंगन में बंधे मवेशी झुलस गए। अल्मोड़ा जिले के सल्ट में भी आग बेकाबू हो चुकी है। लोहारकोट गांव लपटों से घिर गया, जहां रातभर ग्रामीणों ने जागकर जान बचाई। 

आबादी में घास के 35 ढेर जल गए। पिथौरागढ़ में दो दिन से वनों के जलने से परेशान गांव की महिलाएं खुद ही आग बुझाने में जुट गईं। इधर, गढ़वाल में पौड़ी, टिहरी और देहरादून के सीमांत क्षेत्रों में वन विभाग और एनडीआरएफ की टीम आग बुझाने में जुटी हैं। लगातार बढ़ रही घटनाओं ने विभाग की चुनौती और बढ़ा दी है। 

अप्रैल में अब तक कुल 1291 घटनाएं हो चुकी हैं। जिनमें कुल 1820.92 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत और दो व्यक्ति गंभीर रूप से झुलसे हैं। साथ ही जंगल की आग की चपेट में आकर 12 मवेशी भी मारे जा चुके हैं।

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