जानिए क्यों उत्तराखंड भाजपा में बनाया जा सकता है कार्यकारी अध्यक्ष, लोकसभा चुनाव में भी हो चुका प्रयोग
Uttarakhand Election 2022 विधानसभा के चुनाव के लिए भाजपा मैदान में डट चुकी है। जल्द ही प्रत्याशियों का एलान होने की संभावना है। टिकट घोषित होने पर कुछ समय के लिए प्रदेश भाजपा में कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति की जा सकती है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Election 2022 उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के चुनाव के लिए भाजपा मैदान में डट चुकी है। जल्द ही प्रत्याशियों का एलान होने की संभावना है। टिकट घोषित होने पर कुछ समय के लिए प्रदेश भाजपा में कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति की जा सकती है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक हरिद्वार सीट से टिकट के दावेदार हैं और उनके चुनाव लड़ने की स्थिति में संगठन के कार्यों को सुचारू रखने के लिए तीनों प्रांतीय महामंत्रियों अथवा उपाध्यक्षों में किसी एक को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पार्टी पिछले लोकसभा चुनाव में इस प्रकार का प्रयोग कर भी चुकी है।
भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए बूथ स्तर तक फील्डिंग सजा ली है और पार्टी नेताओं व कार्यकत्र्ताओं ने मोर्चा संभाल लिया है। अब प्रतीक्षा है तो सिर्फ प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की। इसके लिए कसरत शुरू कर दी गई है। पार्टी की शनिवार को होने वाली कोर गु्रप और प्रदेश संसदीय समिति की बैठक में दावेदारों के पैनल पर चर्चा के बाद नाम तय कर पैनल पार्टी के संसदीय बोर्ड को भेजे जाएंगे। टिकट के दावेदारों में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी हैं। उनकी दावेदारी हरिद्वार सीट से है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार यदि प्रदेश अध्यक्ष कौशिक चुनाव लड़ते हैं तो माहभर की अवधि के लिए वह अपने विधानसभा क्षेत्र में अधिक सक्रिय रहेंगे। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष की व्यस्तता को देखते हुए मतदान संपन्न होने तक पार्टी किसी प्रांतीय पदाधिकारी को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है। इस पर विचार हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि यदि पार्टी ऐसा निर्णय लेती है तो प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी, कुलदीप कुमार व सुरेश भट्ट अथवा प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल व डा देवेंद्र भसीन में से किसी एक को यह जिम्मेदारी दे सकती है।
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट के लोकसभा की नैनीताल-ऊधमसिंहनगर सीट से चुनाव लड़ने के मद्देनजर पार्टी ने कुछ समय के लिए तत्कालीन उपाध्यक्ष नरेश बंसल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। यद्यपि, भट्ट के लोकसभा में पहुंचने के कुछ समय बाद पार्टी ने वरिष्ठ नेता बंशीधर भगत को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी थी। पिछले वर्ष प्रदेश सरकार में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद भगत को सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया तो प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक को सौंपी गई।
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