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हरक सिंह रावत क्या किसी और सीट से लड़ना चाहते हैं चुनाव, जानिए क्यों उठ रहे ये सवाल

Uttarakhand Election 2022 कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत ने गुरुवार को प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी से भेंट की। माना जा रहा है कि हरक ने इस दौरान आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी और मनपसंद सीट को लेकर अपनी बात चुनाव प्रभारी के समक्ष रखी।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 07 Jan 2022 11:08 AM (IST)Updated: Fri, 07 Jan 2022 01:36 PM (IST)
हरक सिंह रावत क्या किसी और सीट से लड़ना चाहते हैं चुनाव, जानिए क्यों उठ रहे ये सवाल
क्या हरक सिंह कोटद्वार नहीं किसी और सीट से उतरना चाहते हैं मैदान में।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Election 2022 कोटद्वार मेडिकल कालेज से संबंधित मामले को लेकर कैबिनेट बैठक में इस्तीफे की धमकी से चर्चा में आए कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत ने गुरुवार को प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी से भेंट की। माना जा रहा है कि हरक ने इस दौरान आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी और मनपसंद सीट को लेकर अपनी बात चुनाव प्रभारी के समक्ष रखी।

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कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अलग-अलग कारणों से चर्चा में रहते आए हैं। कभी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के साथ तकरार तो कभी अपनी ही सरकार के निर्णयों को लेकर वह नाराजगी जताते रहे हैं। कई बार उनके भाजपा छोड़ कांग्रेस में वापसी की चर्चा भी चली है। हाल ही में कोटद्वार मेडिकल का प्रस्ताव कैबिनेट में न आने से नाराज होकर वह इस्तीफे की धमकी दे बैठक छोड़कर चले गए थे। ठीक 24 घंटे बाद मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद ही उनके तेवर नरम पड़े। इसके अलावा लैंसडौन से भाजपा विधायक महंत दिलीप रावत की हरक के प्रति नाराजगी भी इन दिनों चर्चा में है।

दरअसल, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं लैंसडौन क्षेत्र में सक्रिय हैं, जो विधायक महंत दिलीप का चुनाव क्षेत्र है। ऐसे में समझा जा रहा है कि हरक उनके लिए लैंसडौन सीट से टिकट की पैरवी भाजपा नेतृत्व से कर रहे हैं। गुरुवार को चुनाव प्रभारी से उनकी मुलाकात को भी इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके अलावा सूत्रों का यह भी कहना है कि हरक सिंह रावत इस बार कोटद्वार विधानसभा सीट के बजाय किसी अन्य सीट से चुनाव मैदान में उतरना चाहते हैं।

सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों हरक सिंह रावत दिल्ली जाकर केंद्रीय नेतृत्व को भी अपनी इच्छा से अवगत करा चुके हैं। गुरुवार को प्रदेश चुनाव प्रभारी से बंद कमरे में हुई उनकी मुलाकात को भी इसी कड़ी का हिस्सा बताया जा रहा है। कोशिशों के बाद भी इस संबंध में कैबिनेट मंत्री रावत से संपर्क नहीं हो पाया।

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