हरक सिंह रावत लड़ सकते हैं 2024 का लोकसभा चुनाव, हाईकमान से बातचीत की भी चर्चाएं
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद अब ये कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस उन्हें किसी सीट से चुनाव लड़ा सकती है। परिस्थितियां अनुकूल होने पर कांग्रेस उन्हें राज्यसभा भी भेज सकती है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Vidhan Sabha Election 2022 उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में पहली बार ऐसा होगा कि हरक सिंह रावत चुनावी मैदान में नहीं होंगे। विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद अब ये कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस उन्हें किसी सीट से चुनाव लड़ा सकती है। परिस्थितियां अनुकूल होने पर कांग्रेस उन्हें राज्यसभा भी भेज सकती है। चर्चा है कि इस सिलसिले में हरक की कांग्रेस हाईकमान से बातचीत भी हुई है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में हरक सिंह रावत का कांग्रेस की ओर से जारी तीसरी सूची में भी नाम नहीं था। इससे साफ हो गया कि वे विधानसभा चुनाव में मैदान में नहीं होंगे। हालांकि, उनकी बहू अनुकृति गुसाईं लैंसडौन सीट से चुनाव लड़ेंगी। वहीं, टिकट नहीं मिलने के बाद पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने की मेरी इच्छा नहीं थी। भाजपा में रहने के दौरान भी मैंने केंद्रीय नेताओं को इस बारे में अवगत करा दिया था। कांग्रेस में वापसी करने के बाद भी मैंने यही कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा।
कांग्रेस में वापसी को करना पड़ा था लंबा इंतजार
भाजपा से निकाले जाने के बाद कांग्रेस में वापसी को भी हरक सिंह रावत को काफी इंतजार करना पड़ा था। छह दिन के बाद उनकी कांग्रेस में वापसी हुई। 2016 में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार से बगावत करने वाले हरक सिंह को वापसी के लिए मौखिक और लिखित माफी मांगनी पड़ी।
चौबट्टाखाल सीट से मैदान में उतारे जाने की थी चर्चा
कांग्रेस में शामिल होने के बाद माना जा रहा था कि पार्टी चुनावी राजनीति में हरक की महारत का लाभ उठाएगी। प्रत्याशियों की दूसरी सूची में हरक को तो नहीं, लेकिन उनकी पुत्रवधू को लैंसडौन से टिकट दे दिया गया। इसके बाद उन्हें चौबट्टाखाल या डोईवाला से टिकट देने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन तीसरी और अंतिम सूची सामने आने के बाद ये कयासबाजी भी खत्म हो गई।
यह भी पढ़ें- पहली बार टिकट को तरसे हरक सिंह, चौबट्टाखाल से भी नहीं मिला मौका; गवाह बनने जा रही पांचवीं विधानसभा