उत्तराखंड में अप्रैल-मई में हुई दो तिहाई मौत, राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है राज्य में मृत्यु दर
Uttarakhand Coronavirus Death Toll कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा घातक साबित हुई है। राज्य में कोरोना मृत्यु दर 1.73 फीसद तक पहुंच गई है जबकि देश में कोरोना मृत्यु दर 1.1 फीसद है। बीती एक अप्रैल से 17 मई तक 13 जनपदों में कोरोना से 3317 मरीजों की मौत हुई।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Coronavirus Death Toll कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा घातक साबित हुई है। राज्य में कोरोना मृत्यु दर 1.73 फीसद तक पहुंच गई है, जबकि देश में कोरोना मृत्यु दर 1.1 फीसद है। चिंताजनक स्थिति यह कि बीती एक अप्रैल से 17 मई तक 13 जनपदों में कोरोना से 3317 मरीजों की मौत हो गई है, जबकि पिछले साल 15 मार्च से इस साल 31 मार्च तक 1717 मरीजों की मौत हुई थी। इस हिसाब से दो तिहाई मौत इस साल अप्रैल-मई में हुई हैं।
देहरादून ऐसा जिला है, जहां पर सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत अब तक हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों पर गौर करें तो इस दरमियान राज्य में कुल 5034 संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें भी सबसे अधिक 2571 (51 फीसद) मरीजों की मौत देहरादून में हुई है। नैनीताल, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जनपद में भी हर अंतराल बाद कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत होती रही है। जबकि नौ पर्वतीय जिलों में इस दौरान 689 यानी 14 फीसद मरीजों की मौत कोरोना से हुई है।
कुल मिलाकर कोविड-19 से मरीजों की मौत का बढ़ता सिलसिला चिंताजनक है। संक्रमण की दूसरी लहर में जिस तरह से मृत्युदर बढ़ी है वह आने वाले दिनों में और चुनौतियां बढ़ा सकता है, क्योंकि पिछले काफी वक्त से राज्य में हर दिन सौ से अधिक मरीजों की मौत हो रही है।
(15 मार्च 2020 से 31 मार्च 2021 से 1 अप्रैल से 17 मई 2021)
देहरादून: 979/1592
नैनीताल: 238/510
हरिद्वार: 164/368
ऊधमसिंहनगर: 118/376
पौड़ी: 60/168
अल्मोड़ा: 26/77
पिथौरागढ़: 48/37
रुद्रप्रयाग: 10/48
टिहरी: 16/39
उत्तरकाशी: 17/33
बागेश्वर: 17/26
चमोली:15/22
चंपावत: 9/21
सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने बताया कि उत्तराखंड में कोरोना से हो रही मौत चिंता का बड़ा कारण बनी हुई हैं। पहले चरण की अपेक्षा दूसरी लहर में ज्यादा संक्रमित मरीजों की मौत हो रही है। राज्य सरकार को इस ओर अधिक ध्यान देना होगा। क्योंकि उत्तराखंड की मृत्यु दर, राष्ट्रीय औसत से कई ज्यादा है।
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