उत्तराखंड में कोरोना के 54 प्रतिशत सैंपल में मिला ओमिक्रोन, 85 और मामले मिले; 93 पहुंची संक्रमितों की संख्या
उत्तराखंड में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन अब तेजी से फैल रहा है। रविवार को आई 159 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट में 85 में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई है। यानी 54 प्रतिशत सैंपल में नया वैरिएंट मिला है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन अब तेजी से फैल रहा है। रविवार को आई 159 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट में 85 में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई है। यानी 54 प्रतिशत सैंपल में नया वैरिएंट मिला है। राज्य में इससे पहले भी ओमिक्रोन के आठ मामले आ चुके हैं। ऐसे में ओमिक्रोन से संक्रमित मरीजों की संख्या अब 93 पर पहुंच गई है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डा. तृप्ति बहुगुणा का कहना है कि कोरोना के नए वैरिएंट से घबराने की नहीं, बल्कि सतर्क रहने की आवश्यकता है। कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाएं। यही सावधानी हमें संक्रमण से बचाएगी और इस नए वैरिएंट का प्रसार रोकने में भी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया में ओमिक्रोन वैरिएंट अन्य सभी वैरिएंट को रिप्लेस कर रहा है और इसका प्रभाव अधिक घातक नहीं है। ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में हल्के लक्षण दिख रहे हैं। जबकि अधिकांश मरीजों में तो लक्षण भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले बढऩे के बावजूद अभी राज्य के अस्पतालों में सीमित संख्या में ही कोरोना के मरीज पहुंच रहे हैैं।
छह जिलों तक पहुंचा ओमीक्रोन
राज्य में आए ओमिक्रोन के नए मामलों में अधिकांश मरीज देहरादून जनपद से हैैं। स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट के अनुसार देहरादून में 49, हरिद्वार में 14, नैनीताल में सात, पौड़ी में छह, ऊधमसिंह नगर में पांच और पिथौरागढ़ में एक मरीज ओमिक्रोन संक्रमित मिला है। इसके अलावा दो मरीज दिल्ली से हैं। जबकि एक का अभी पता नहीं चल पाया है।
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डेल्टा समेत अन्य वैरिएंट भी मौजूद
जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट में ओमिक्रोन के 85 मामलों के अलावा डेल्टा के नौ, डेल्टा के उपवंश (एवाई सीरीज) के 44 और 21 सैंपल में किसी वैरिएंट या म्यूटेशन की पहचान नहीं हुई है।
15 प्रतिशत सैंपल की जीनोम सीक्वेसिंग
डा. तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमित मिल रहे मरीजों में 15 प्रतिशत सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए दून मेडिकल कालेज भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीनोम सीक्वेंसिंग की प्रक्रिया काफी लंबी है। इसमें छह से सात दिन का समय लगता है। ओमिक्रोन संक्रमण से बचाव के लिए एहतियात बरतें।
अभी तक की स्थिति
कुल जीनोम सीक्वेंसिंग-2255
- सार्स-कोव-2-460
- डेल्टा वैरिएंट-828
- डेल्टा उपवंश (एवाई)-372
- अन्य म्यूटेशन-335
- ओमिक्रोन-93
- वैरिएंट या म्यूटेशन की पहचान नहीं-167
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