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उत्तराखंड: अब किसी भी तरह का दबाव नहीं बना पाए पाएंगे नौकरशाह, सीएम धामी ने कसी नकेल; दी सख्त हिदायत

उत्तराखंड में बेलगाम नौकरशाही का रवैया अक्सर सुर्खियां बनता रहा है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अब नौकरशाही के पेच कसने के लिए अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमावली के बीच से रास्ता भी निकाला है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 07:35 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 10:56 AM (IST)
उत्तराखंड: अब किसी भी तरह का दबाव नहीं बना पाए पाएंगे नौकरशाह, सीएम धामी ने कसी नकेल; दी सख्त हिदायत
दबाव बनाने वाले नौकरशाहों पर CM धामी की नकेल, दी सख्त हिदायत।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में बेलगाम नौकरशाही का रवैया अक्सर सुर्खियां बनता रहा है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अब नौकरशाही के पेच कसने के लिए अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमावली के बीच से रास्ता निकाला है। अब ट्रांसफर, पोस्टिंग समेत अपने सेवा संबंधी प्रकरणों को लेकर आइएएस अपने आला अधिकारियों पर राजनीतिक अथवा किसी भी अन्य प्रकार का दबाव नहीं बना पाएंगे। सचिव कार्मिक एवं सतर्कता अरविंद सिंह ह्यांकी ने इस संबंध में सभी आइएएस को पत्र भेजा है। यह भी साफ किया गया है कि अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमावली के इस नियम का कोई उल्लंघन करता है तो उसकी सेवा पुस्तिका में इसकी बाकायदा उचित प्रविष्टि की जाएगी।

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प्रदेश सरकार की कमान संभालते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कार्यवाहक मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के सम्मान में अधिकारियों के खड़े न होने पर नाराजगी जताई थी। अगले ही दिन मुख्यमंत्री धामी ने मुख्य सचिव ओमप्रकाश को बदलकर नौकरशाही को लेकर अपने इरादे जाहिर कर दिए। इसके बाद नौकरशाही में उन्होंने बड़ा फेरबदल किया। इससे नौकरशाही में खलबली मचनी ही थी।

अब मुख्यमंत्री ने नौकरशाही को अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमावली का पाठ पढ़ाते हुए इसी के जरिये उस पर लगाम कसने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। चर्चा है कि हाल में नौकरशाही में हुए फेरबदल के बाद राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिशें की जा रही थीं। इसे देखते हुए सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। इसी कड़ी में सचिव कार्मिक एवं सतर्कता की ओर से उत्तराखंड संवर्ग के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को पत्र भेजा गया है।

इसमें कहा गया है कि अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमावली के नियम-18 के तहत संवर्ग के सदस्य अपने सेवा संबंधी प्रकरणों को लेकर उच्चाधिकारियों पर राजनीतिक अथवा किसी भी अन्य प्रकार का दबाव नहीं बना सकते। यदि कोई ऐसा करता है तो यह नियमावली का उल्लंघन होगा। सभी अधिकारियों से कहा गया है कि वे इस नियम का पूरी तरह से अनुपालन सुनिश्चित करें।

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