Uttarakhand Cabinet: नगरीय क्षेत्रों में सेहत इंतजामों की निगरानी करेगा पीएमयू, आरोग्य आयुष्मान केंद्रों पर रहेगा विशेष फोकस
उत्तराखंड सरकार ने शहरी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए शहरी विकास निदेशालय में प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (पीएमयू) का गठन किया है। यह यूनिट आरोग्य आयुष्मान केंद्रों की निगरानी करेगी और नगर स्वास्थ्य अधिकारियों के कार्यों का पर्यवेक्षण करेगी। 15वें वित्त आयोग से प्राप्त धन का उपयोग और मानव संसाधन की व्यवस्था भी पीएमयू की जिम्मेदारी होगी। केंद्रों पर दवाइयां और जांचें मुफ्त होंगी।

राज्य सरकार की ओर से स्थापित आरोग्य आयुष्मान केंद्रों पर रहेगा विशेष फोकस। प्रतीकात्मक
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। नगरीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और सुव्यवस्थित बनाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट ने शहरी विकास निदेशालय में प्रोजेक्ट मानीटरिंग यूनिट (पीएमयू) के गठन को मंजूरी दी है। यह यूनिट शहरी निकायों में लोक स्वास्थ्य संबंधी नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन और आरोग्य आयुष्मान केंद्र परियोजना की निगरानी का जिम्मा संभालेगी।
पीएमयू का गठन शहरी स्वास्थ्य व्यवस्था को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। यह यूनिट नगर स्वास्थ्य अधिकारियों के कार्यों का पर्यवेक्षण करेगी, वित्त आयोग से लोक स्वास्थ्य हेतु प्राप्त धन की निगरानी करेगी और आवश्यक मानव संसाधन व प्रशिक्षण की व्यवस्था भी संभालेगी। पीएमयू में एक सीनियर मेडिकल आफिसर (कम्युनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ), वित्त नियंत्रक, एमआइएस एक्सपर्ट और एक अकाउंटेंट की तैनाती होगी।
400 करोड़ की परियोजना में 82 करोड़ की पहली किस्त मिली
राज्य में 15वें वित्त आयोग के अनुदान से आरोग्य आयुष्मान केंद्रों की स्थापना की जा रही है। इस परियोजना के तहत 115 शहरी स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे, जिनमें से 20 से अधिक का संचालन शुरू हो चुका है। पीएमयू को आरोग्य आयुष्मान केंद्रों की निगरानी का विशेष जिम्मा सौंपा गया है। करीब 400 करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिए आयोग से 82 करोड़ की पहली किस्त राज्य को प्राप्त हुई है। इन केंद्रों में सामान्य चिकित्सकों के साथ-साथ बाल रोग विशेषज्ञ व अन्य विशेषज्ञ भी निर्धारित अंतराल पर अपनी सेवाएं देंगे।
सभी दवाइयां और जांचें नि:शुल्क होंगी। केंद्रों का संचालन खासकर शाम के समय किया जाएगा, ताकि कामकाजी लोग भी लाभ ले सकें। हर आरोग्य आयुष्मान केंद्र में पाली क्लिनिक की सुविधा भी रहेगी। नगर निकाय आरोग्य आयुष्मान केंद्रों का संचालन अपने स्तर पर करेंगे, जबकि पीएमयू इनके कामकाज, संसाधनों के उपयोग और गुणवत्ता की निगरानी करेगा। इससे न केवल सेवाओं में पारदर्शिता आएगी, बल्कि योजनाओं का प्रभाव भी अधिक होगा।
पीएमयू की मुख्य जिम्मेदारियां
- नगर स्वास्थ्य अधिकारियों के कार्यों की निगरानी
- वित्त आयोग से प्राप्त धन के उपयोग की समीक्षा
- मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना
- प्रशिक्षण एवं स्वास्थ्य योजनाओं का पर्यवेक्षण
- आरोग्य आयुष्मान केंद्र परियोजना की मानीटरिंग

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