Uttarakhand Budget 2022 : मुख्यमंत्री आवास में आयोजित हुआ संवाद, बोले - जन सुझाव से बनाएंगे सर्वस्पर्शी और सर्वग्राही बजट
Uttarakhand Budget 2022 मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में आम जनता के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की भागीदारी सुनिश्चित करना चाहती है। राजस्व को बढ़ावा देने के प्रयासों के साथ कई महत्वपूर्ण सुझावों को अमल में लाया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून : Uttarakhand Budget 2022 : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के बजट को आम जन और विशेषज्ञों से मिले सुझावों के आधार पर सर्वस्पर्शी और सर्वग्राही बनाया जाएगा। नागरिकों के सपनों को साकार करने में बजट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
मुख्यमंत्री धामी को मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन में बजट पूर्व संवाद कार्यक्रम में विचार रख रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में आम जनता के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की भागीदारी सुनिश्चित करना चाहती है। बजट पूर्व संवाद कार्यक्रम की प्रक्रिया इसीलिए प्रारंभ की गई है। नैनीताल के बाद देहरादून में यह कार्यक्रम किया गया। इसमें उद्योग, व्यापार, होटल, पर्यटन, कृषि समेत विभिन्न क्षेत्रों के विशेष बहुमूल्य सुझाव प्राप्त हुए हैं। इनका समावेश बजट में किया जाएगा।
कर राजस्व बढ़ाने के सुझावों पर होगा अमल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय कोष सशक्त करने को कर राजस्व को बढ़ावा देने के प्रयासों के साथ कई महत्वपूर्ण सुझावों को अमल में लाया जाएगा। राज्य को जीएसटी में केंद्र से मिली छूट की अवधि समाप्त हो रही है। इससे राज्य को पांच हजार करोड़ की हानि होने का अनुमान है। इसकी भरपाई कैसे हो, इस दिशा में सोचना होगा। उत्तराखंड धर्म और अध्यात्म का केंद्र है। राज्य की इकोलाजी व इकोनामी को साथ लेकर चलना है। आत्मनिर्भर उत्तराखंड तब बनेगा, जब हम सब अपने दायित्व को सही ढंग से निभाएं।
2025 तक अग्रणी राज्य बनेगा उत्तराखंड
उन्होंने कहा कि उद्योग, व्यापार व होटल बेहतर ढंग से संचालित होने चाहिए। राज्य के विकास की यात्रा सामूहिक है। हमारा लक्ष्य 2025 तक उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करना है। उद्योग व व्यापार सही तरह से संचालित करने के लिए उनके साथ संवाद निरंतर जारी है। उद्योग सही ढंग से चलेंगे तो और अधिक उद्योग राज्य में लगेंगे। उद्यमी हमारे ब्रांड अंबेसडर भी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के समेकित विकास को देखते हुए बोधिसत्व विचार श्रृंखला आयोजित की गई है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों व बुद्धिजीवियों ने बहुमूल्य सुझाव सरकार को दिए हैं।
पीएम मोदी की भावना के अनुरूप काम
उन्होंने कहा कि सरकार सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारीकरण की प्रक्रिया को कार्य व्यवहार में ला रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देश के साथ प्रदेश में भी हर क्षेत्र में प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के मौजूदा दशक को उत्तराखंड के लिए महत्वपूर्ण बताया है। इसलिए सबको साथ लेकर चल रहे हैं। सभी की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। सरकार उद्यमियों के साथ है। उद्यमी हमारे युवाओं के मददगार बनें, इसकी आवश्यकता है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से फिट नहीं तो न करें चारधाम यात्रा
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा चरम पर है। यात्रियों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने अपेक्षा की कि जो व्यक्ति स्वास्थ्य की दृष्टि से फिट नहीं हैं, अभी यात्रा पर न आएं। यात्रा में भगदड़ अथवा किसी अन्य अव्यवस्था के कारण किसी भी यात्री की मृत्यु नहीं हुई है। इस बार यात्रा हमारे लिए चुनौती भी है। सभी होटल व ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों से अपेक्षा है कि यात्रियों से अच्छा व्यवहार करें। अतिथि देवो भव: हमारी परंपरा है। यहां आने वालों के साथ अच्छा व्यवहार करेंगे तो वे बार-बार यहां आएंगे। देश व दुनिया में राज्य की बेहतर पहचान बनेगी।
अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचेगा विकास
उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों के साथ ग्राम इकाइयां मजबूत होनी चाहिए। विकास में सभी को सहभागी बनना होगा। अकेले सरकार सबकुछ नहीं कर सकती। इस अवसर पर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि संवाद कार्यक्रम से राज्य का अच्छा बजट बनाने में मदद मिलेगी। समाज में अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के विकास की परिकल्पना भी इससे साकार होगी।
संवाद कार्यक्रम में बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता विजय जड़धारी, पद्मश्री प्रेमचंद शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, टिहरी से सोना सजवाण, देहरादून के महापौर सुनील उनियाल गामा, ऋषिकेश की महापौर अनीता ममगाईं, रुड़की के महापौर अनुज गोयल समेत विभिन्न उद्योग, व्यापार संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिए। इस अवसर पर विधायक खजान दास, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन दुर्गेश पंत ने किया।