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Uttarakhand Budget 2021: सरकार का रोजगार सृजन पर रहा विशेष फोकस, बेरोजगारी पर दिया ये जवाब

Uttarakhand Budget 2021 सरकार ने पिछले चार वर्षों के दौरान रोजगार सृजन पर विशेष फोकस किया है। अप्रैल 2017 से 31 जनवरी 2021 तक विभिन्न विभागों के अंतर्गत सात लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार स्वरोजगार प्रदान किया गया।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 10:30 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 10:30 AM (IST)
Uttarakhand Budget 2021: सरकार का रोजगार सृजन पर रहा विशेष फोकस, बेरोजगारी पर दिया ये जवाब
सरकार का रोजगार सृजन पर रहा विशेष फोकस।

राज्य ब्यूरो, गैरसैंण। उत्तराखंड सरकार ने पिछले चार वर्षों के दौरान रोजगार सृजन पर विशेष फोकस किया है। अप्रैल 2017 से 31 जनवरी 2021 तक विभिन्न विभागों के अंतर्गत सात लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार, स्वरोजगार प्रदान किया गया। गुरुवार को सदन में विपक्ष की ओर से उठाए गए बेरोजगारी के मुद्दे का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजकीय पदों को रिक्त सीमा तक ही भरा जा सकता है। इसे देखते हुए सरकार ने स्वरोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित करने के प्रयास किए, ताकि इच्छुक व्यक्ति आत्मनिर्भर बन सकें और उनकी प्रतिभा व क्षमता का पूर्ण सदुपयोग हो सके। हालांकि, सरकार के इस जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और उसने सरकार पर बेरोजगारी के मसले को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाते हुए सदन से वाकआउट कर दिया।

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बजट सत्र के चौथे दिन विपक्ष की ओर से नियम-58 के तहत राज्य में बेरोजगारी का मुद्दा उठाया गया। नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि राज्य में बेरोजगारी चरम पर है। एक सर्वे में ये बात सामने आई है कि उत्तराखंड में सबसे अधिक बेरोजगारी है। उन्होंने कहा कि कोविडकाल के चलते तमाम उद्योगों में छंटनी हुई है। बावजूद इसके सरकार ने छंटनी रोकने के लिए उद्योगों से बात करने तक की जहमत नहीं उठाई। सरकारी विभागों में भी कार्मिकों को कई-कई माह से वेतन नहीं मिल रहा है। उपनेता प्रतिपक्ष करण माहरा, प्रीतम सिंह, गोविंद सिंह कुंजवाल, ममता राकेश, आदेश चौहान, फुरकान अहमद, राजकुमार ने भी सरकार पर बेरोजगारी दूर करने के सवाल पर गंभीर न होने का आरोप लगाया।

सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से वर्ष 2014 से 2017 तक आठ परीक्षाएं हुई, जिनमें 801 पदों पर चयन हुआ। भाजपा सरकार आने के बाद पिछले चार वर्षों में आयोग के माध्यम से 65 परीक्षाएं आयोजित की गई और सात हजार पदों पर चयन किया गया। वर्तमान में आयोग में 6200 पदों के अधियाचन एवं भर्ती की प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में ही 8817 लाभाॢथयों को स्वरोजगार के लिए ऋण स्वीकृत हुआ है और इनमें से 7027 लाभार्थियों को 6.99 करोड़ का ऋण वितरित हो चुका है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के जरिये 19070 स्वयं सहायता समूहों के 114421 सदस्यों को बैंक लिंकेज कर स्वरोजगार से जोड़ा गया। 

राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई ने 10833 उद्यमियों और उत्तराखंड ग्राम विकास समिति के माध्यम से 16117 व्यक्तियों को स्वरोजगार से जोड़ा गया। कौशिक ने कहा कि मनरेगा में अभी तक छह लाख व्यक्तियों को प्रतिवर्ष रोजगार मिला। अब इसमें अतिरिक्त रोजगार भी सृजित किया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 2.21 लाख अतिरिक्त परिवारों को रोजगार दिया गया। उन्होंने राज्य और केंद्र की विभिन्न रोजगारपरक योजनाओं में उपलब्ध कराए गए स्वरोजगार के अवसरों से संबंधित आंकड़े भी पेश किए।

सिलेंडर के साथ कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार सुबह विधानसभा के मुख्य प्रवेश द्वार पर सिलेंडर के साथ धरना भी दिया। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश समेत कांग्रेस विधायकों ने कहा कि बेरोजगारी सुरसा के मुंह की तरह बढ़ रही है, मगर सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं रह गया है।

सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली को केंद्र को भेजा पत्र

संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग के संबंध में केंद्र सरकार को पत्र भेजा गया है। केंद्र से जो भी दिशा-निर्देश मिलेंगे, उसी के आधार पर कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने उपनेता प्रतिपक्ष करण माहरा की ओर से नियम-58 के तहत उठाए गए इस मसले का जवाब देते हुए यह बात कही। इससे पहले माहरा ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारी संगठनर आंदोलित हैं, मगर सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।

किसी शिशु मंदिर को नहीं दिया पैसा

संसदीय कार्यमंत्री ने सदन को अवगत कराया कि सरकार ने प्रदेश में संचालित हो रहे किसी भी शिशु मंदिर को कोई धनराशि नहीं दी है। उन्होंने कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल की ओर से लाए गए मुद्दे के जवाब में यह बात कही। संसदीय कार्यमंत्री ने यह भी कहा कि भगवानपुर में मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव मानकों के मुताबिक नहीं था। ऐसे में इसका निर्माण संभव नहीं है। कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने यह मसला उठाया था।

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