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Uttarakhand Politics: कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत के नए पैंतरे से भाजपा में भी हलचल

कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत ने नए पैंतरे से भाजपा में भी हलचल है। हरक सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्रति अपने रुख में नरमी का पैंतरा चला है। हरक के पैंतरे को सियासी गलियारों में भविष्य की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 08:15 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 08:15 PM (IST)
Uttarakhand Politics: कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत के नए पैंतरे से भाजपा में भी हलचल
कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस की प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत के प्रति अपने रुख में नरमी का जो पैंतरा चला है, उससे भाजपा में भी हलचल है। पार्टी में दबी जुबां ये चर्चा है कि आखिर इस नरमी की वजह क्या है। सियासी गलियारों में हरक के पैंतरे को भविष्य की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। साथ ही इसे चुनाव के मद्देनजर अनावश्यक बयानबाजी से बचने की पार्टी हाईकमान की नसीहत का असर भी माना जा रहा है।

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कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीच अर्से से चल रही जुबानी जंग अक्सर सुर्खियां बनती आई है। ज्यादा वक्त नहीं बीता, जब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वर्ष 2016 के सियासी घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए तब उनकी सरकार गिराने वालों को पापी और अपराधी करार दिया था। इससे आहत कैबिनेट मंत्री हरक सिंह ने हरीश रावत को घेरा था। साथ ही रावत पर वर्ष 2016 के घटनाक्रम के बाद उन्हें फंसाने का षड्यंत्र तक रचने का आरोप लगा डाला था।

बीते रोज मीडिया से बातचीत में हरक सिंह रावत ने हरीश रावत के प्रति अपने सुर एकदम नरम करते हुए कहा था कि हरीश रावत कुछ भी बोलें, वे कुछ नहीं बोलेंगे। साथ ही हरीश रावत को बड़ा भाई बताते हुए कहा कि उनका हर शब्द आशीर्वाद है। यह भी जोड़ा कि वे कांग्रेस में वापसी के लिए नहीं, बल्कि हरीश रावत बड़े भाई हैं, इसलिए माफी मांग रहे हैं।

हरक के इस रुख के सियासी गलियारों में तमाम निहितार्थ तो निकाले ही जाने लगे, भाजपा में भी हलचल मची है। इसे हरक की भविष्य की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। हरक कई मर्तबा विधानसभा चुनाव न लड़ने की बात कह चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा कि वह लोकसभा चुनाव के लिए खुद की दावेदारी करने के साथ ही अपनी पुत्रवधू के लिए पार्टी नेतृत्व से टिकट मांग सकते हैं।

ये भी माना जा रहा है कि हाल में भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अनावश्यक बयानबाजी से बचने की नसीहत दी थी। हरक ने भी दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अन्य नेताओं से मुलाकात की थी। हरक के नए पैंतरे के पीछे बात चाहे जो भी हो, लेकिन पार्टीजनों के बीच चर्चा का विषय अवश्य बनी हुई है।

मदन कौशिक (प्रदेश अध्यक्ष भाजपा) का कहना है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी कार्यकर्त्‍ताओं से कहा गया है कि वे जब भी बयान दें, सोच-समझकर दें। जहां तक कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बयान की बात है तो मुझे इसकी जानकारी नहीं कि उनके द्वारा किस परिप्रेक्ष्य में बात कही गई। वैसे भी मैं अभी कुमाऊं के दौरे पर हूं।

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