Uttarakhand Assembly Winter Session : दो दिन में 13 घंटे 47 मिनट चला सदन, पेश हुए छह विधेयक
Uttarakhand Assembly Winter Session सत्र में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण समेत कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि विधायी कामकाज के दृष्टिकोण से सत्र उपलब्धिपूर्ण रहा। दो दिन में सदन की कार्यवाही 13 घंटे 47 मिनट चली।
राज्य ब्यूरो, देहरादून : Uttarakhand Assembly Winter Session : विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। दो दिन में सदन की कार्यवाही 13 घंटे 47 मिनट चली। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि विधायी कामकाज के दृष्टिकोण से सत्र उपलब्धिपूर्ण रहा।
सत्र में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण समेत कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए। उन्होंने सदन के सुचारू संचालन के लिए सत्तापक्ष व विपक्ष के साथ ही विधानसभा के कार्मिकों के प्रति आभार जताया। विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी ने सत्र के स्थगित होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि यह सही है कि सत्र की अवधि अधिक होनी चाहिए, लेकिन यह सब बिजनेस पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा कि सत्र करदाताओं के पैसे से चलता है। यदि बिजनेस नहीं होगा तो सत्र को बेवजह नहीं चलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र भले ही दो दिन का रहा, लेकिन कामकाज के लिहाज से यह बेहद महत्वपूर्ण रहा। सदन में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू राजस्व अधिनियम 1901) (संशोधन) अध्यादेश सदन के पटल पर रखा गया। इस सत्र में विनियोग सहित 14 विधेयक पारित हुए।
महिला सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्र की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुआ। महिला सशक्तीकरण की दिशा में यह बड़ा कदम है। यह प्रदेश की सभी महिलाओं के लिए अत्यंत गौरव का विषय है।
सरकार ने वापस लिए दो विधेयक
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सत्र में छह विधेयक भी पुरस्थापित किए गए। दो विधेयक सरकार द्वारा वापस लिए गए, जिनमें उत्तराखंड पंचायती राज (द्वितीय) संशोधन विधेयक और कारखाना (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक शामिल थे।
- 619 कुल प्रश्न विधानसभा को मिले
- 44 अल्पसूचित प्रश्नों में से 13 स्वीकार
- 171 तारांकित प्रश्नों में 33 उत्तरित
- 375 अतारांकित प्रश्नों में से 120 उत्तरित
- नियम 300 में मिली 30 सूचनाएं, 26 स्वीकृत
- नियम 53 की मिली 22 सूचनाओं में दो वक्तव्य और दो केवल वक्तव्य को स्वीकृत
- 13 सूचनाएं ध्यानाकर्षण के लिए सरकार को भेजी
- नियम 58 की 13 सूचनाओं में छह ग्राह्यता पर सुनी गईं, दो ध्यानाकर्षण को भेजी गईं
- नियम 310 की दो सूचनाओं को नियम 58 में ग्राह्यता पर सुना गया
- 10 प्रतिवेदन सदन के पटल पर रखे गए।
सदन में छह विधेयक हुए पेश
बुधवार को सदन में छह विधेयक पेश किए गए। इसमें उत्तराखंड मत्स्य पालन अधिनियम (संशोधन) विधेयक 2022, उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916) (संशोधन), उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) (संशोधन), उत्तराखंड पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा तथा विधिमान्यकरण विधेयक, 2022, उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम 1901) (संशोधन) और उत्तराखंड सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।
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ये विधेयक भी हुए पारित
- उत्तराखंड विनियोग (2022-23 का अनुपूरक) विधेयक।
- बंगाल, आगरा और आसाम सिविल न्यायालय (उत्तराखंड संशोधन और अनुपूरक उपबंध) विधेयक।
- उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) (संशोधन) विधेयक।
- पेट्रोलियम एवं ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक।
- भारतीय स्टांप (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक।
- उत्तराखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक।
- उत्तराखंड कूड़ा फेंकना व थूकना प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक।
- उत्तराखंड जिला योजना समिति (संशोधन) विधेयक।
- उत्तराखंड पंचायती राज (संशोधन) विधेयक।
- हरिद्वार विश्वविद्यालय विधेयक।
- उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास (संशोधन) विधेयक।
- उत्तराखंड विशेष क्षेत्र (पर्यटन का नियोजित विकास और उन्नयन) (संशोधन) विधेयक।