Uttarakhand Assembly Session: कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने दी आत्मदाह की चेतावनी, लगाया यह आरोप
जसपुर से कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने ऊधमसिंहनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पर व्यक्तिगत रंजिश रखने और विधायक के विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया। उन्होंने न्याय न मिलने पर आत्मदाह तक की चेतावनी दी। इस पर पीठ ने विषय को गंभीर बताते हुए सरकार को जांच के निर्देश दिए।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: जसपुर से कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने ऊधमसिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पर व्यक्तिगत रंजिश रखने और विधायक के विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया। उन्होंने न्याय न मिलने की सूरत में आत्मदाह तक की चेतावनी दी। इस पर पीठ ने विषय को गंभीर बताते हुए सरकार को जांच के निर्देश दिए।
सदन में उठाया विशेषाधिकार हनन का मसला
मंगलवार को सदन में कांग्रेस विधायक ने विशेषाधिकार हनन का मसला उठाया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि पीठ यह कह चुकी है कि विधायकों के विशेषाधिकार हनन के मामलों में गंभीरता से कार्रवाई की जाए, लेकिन इस पर सरकार गंभीर नहीं है। इन मामलों में क्या कार्रवाई हुई, इस संबंध में विधायकों को कुछ बताया नहीं जाता।
विधायक जसपुर आदेश चौहान ने अपना विषय उठाते हुए कहा कि इसी वर्ष जुलाई में जसपुर में सूदखोरों के संबंध में वह किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ एसडीएम कार्यालय गए थे, जिस पर उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। अगले दिन तीन व्यक्ति उनके यहां आए और उनसे अभद्रता की। पुलिस को फोन करने पर पुलिस तीनों को पकड़ कर ले भी गई।
उन्होंने इन तीन व्यक्तियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी। विधायक ने आरोप लगाया कि आरोपितों पर कार्रवाई करने के स्थान पर दोपहर दो बजे पुलिस ने उनका गनर वापस ले लिया। उन्होंने थाने में धरना दिया, आश्वासन मिला लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई।
इसके बाद जब वह मुख्यमंत्री से मिले तब कहीं जाकर रिपोर्ट दर्ज की गई। साथ ही उनके खिलाफ क्रास एफआइआर भी हुई। अब जांच अधिकारी भी बदल दिया गया है। उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह विधानसभा द्वार के सामने आत्मदाह करने को मजबूर होंगे।
विधायकों को नहीं किया जाता आमंत्रित
विधायक हल्द्वानी सुमित हृदयेश ने भी सदन में विशेषाधिकार हनन का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में कई योजनाएं चल रही हैं। कार्यक्रमों के शिलान्यास हो रहे हैं लेकिन स्थानीय विधायक होने के बावजूद उन्हें नजरंदाज किया जाता है।
इस पर पीठ ने विधायकों के विशेषाधिकार हनन के विषयों को गंभीर बताया। विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार को निर्देश दिए कि इन मामलों का परीक्षण किया जाए। जांच करके रिपोर्ट विधानसभा को को सौंपी जाए।