Move to Jagran APP

जानिए उत्तराखंड में चुनावी रैलियों के लिए कितने मैदान चिह्नित, पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर एंट्री

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रैलियों सभाओं के आयोजन के लिए चुनाव आयोग ने प्रदेशभर में 601 मैदान और 2277 भवन चिह्नित किए हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी साझा की।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 25 Dec 2021 11:33 AM (IST)Updated: Sat, 25 Dec 2021 11:33 AM (IST)
जानिए उत्तराखंड में चुनावी रैलियों के लिए कितने मैदान चिह्नित, पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर एंट्री
जानिए उत्तराखंड में चुनावी रैलियों के लिए कितने मैदान चिह्नित।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Elections 2022 उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रैलियों, सभाओं के आयोजन के लिए चुनाव आयोग ने प्रदेशभर में 601 मैदान और 2277 भवन चिह्नित किए हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि आयोग की इस पहल से सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानक का अनुपालन भी हो सकेगा। पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर राजनीतिक दल इन मैदानों व भवनों का उपयोग कर सकेंगे। इसके लिए आनलाइन आवेदन लिए जाएंगे।

loksabha election banner

राज्य में 81.43 लाख मतदाता

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि पांच जनवरी को प्रकाशित होने वाली मतदाता सूची के अनुसार राज्य में 81.43 लाख मतदाता हैं। इस वर्ष इसमें 1.98 लाख नए महिला और 1.06 लाख पुरुष मतदाता जुड़े हैं। 18 से 19 वर्ष की आयु के मतदाताओं की संख्या 1.10 लाख है, जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु के 1.43 लाख मतदाता हैं। दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 66648 हो गई है, जबकि सर्विस मतदाता 93935 हैं।

एक बूथ पर करीब 700 मतदाता

उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तक एक पोलिंग बूथ पर अधिकतम 1500 वोटर का मानक था, जिसे अब 1200 किया गया है। इस क्रम में 623 नए बूथ बनाए गए हैं और यहां कुल पोलिंग बूथ की संख्या 11447 हो गई है। इस हिसाब से प्रत्येक बूथ पर वोटर की संख्या 700 के लगभग आएगी। प्रत्येक बूथ पर पानी, बिजली, शौचालय, शेड जैसी सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के बूथ भी सुविधाओं से सुसज्जित करने को कहा गया है।

महिलाएं संचालित करेंगी 100 बूथ

मुख्य निर्वाचन आयुक्त के अनुसार महिलाओं को मताधिकार के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य में 100 बूथ केवल महिलाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे। इन बूथों में सभी व्यवस्थाएं महिला कार्मिक संभालेंगी।

तैनात होंगे 66700 स्वयंसेवक

दिव्यांगजनों के लिए प्रत्येक पोलिंग बूथ पर व्हील चेयर उपलब्ध होगी। मतदान में उनकी सहायता को 66700 स्वयंसेवकों की तैनाती रहेगी। दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य में पांच बूथ की व्यवस्थाएं दिव्यांग कार्मिक संभालेंगे।

7250 बूथ में वेबकास्टिंग, 150 माडल केंद्र

आयोग ने राज्य के 50 प्रतिशत बूथ में वेबकास्टिंग का निर्णय लिया था, मगर यहां इसे 60 प्रतिशत किया गया है। प्रदेश में 7250 बूथ में वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि राज्य में 150 माडल मतदान केंद्र भी बनाए गए हैं। सभी सुविधाओं से सुसज्जित इन केंद्रों में ईवीएम के साथ वीवीपैट भी होंगे।

घर से वोट दे सकेंगे बुजुर्ग

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि पहली बार ये व्यवस्था की गई है कि 80 वर्ष से अधिक आयु के जो मतदाता किन्हीं कारणों से पोलिंग बूथ तक नहीं पहुंच पाते, उन्हें वोट डालने की सुविधा घर पर ही दी जाएगी। बीएलओ द्वारा उनका फार्म भरवाया जाएगा। साथ ही राजनीतिक दलों को सूचित किया जाएगा और प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी होगी। उन्होंने बताया कि सर्विस मतदाताओं के लिए आनलाइन मतपत्र भेजने की व्यवस्था की गई है।

मेरी कर्मभूमि रही है उत्तराखंड

मुख्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रा ने कहा कि उत्तराखंड उनकी कर्मभूमि रही है। वर्ष 1989 के दौरान उन्होंने राज्य में सेवाएं दीं थी।

यह भी पढ़ें- चुनावी मोर्चे को उतर चुकी भाजपा बना रही नई-नई रणनीति, अब महिला और युवक मंगल दलों को साधने में जुटी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.