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झटके की भरपाई की मशक्कत में जुटेगी भाजपा, कांग्रेस के एक विधायक और पूर्व मंत्री हो सकते हैं शामिल

Uttarakhand Assembly Election 2022 चर्चा है कि कांग्रेस के एक विधायक व एक पूर्व मंत्री भाजपा के संपर्क में हैं जिन्हें पार्टी में शामिल कराकर भाजपा इसकी भरपाई की कोशिश करेगी। इसके साथ ही पार्टी में कांग्रेसी पृष्ठभूमि के अन्य विधायकों को लेकर भी नेतृत्व सतर्क हुआ है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 07:05 AM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 07:05 AM (IST)
झटके की भरपाई की मशक्कत में जुटेगी भाजपा, कांग्रेस के एक विधायक और पूर्व मंत्री हो सकते हैं शामिल
झटके की भरपाई की मशक्कत में जुटेगी भाजपा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Election 2022 कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य और उनके पुत्र विधायक संजीव आर्य की कांग्रेस में वापसी से लगे झटके के बाद भाजपा नेतृत्व अब चौकन्ना हो गया है। चर्चा है कि कांग्रेस के एक विधायक व एक पूर्व मंत्री भाजपा के संपर्क में हैं, जिन्हें पार्टी में शामिल कराकर भाजपा इसकी भरपाई की कोशिश करेगी। इसके साथ ही पार्टी में कांग्रेसी पृष्ठभूमि के अन्य विधायकों को लेकर भी नेतृत्व सतर्क हुआ है।

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उत्तराखंड में वर्ष 2014 से 2019 तक हुए लोकसभा, विधानसभा चुनावों में भाजपा अजेय रही है। अब जबकि आगामी विधानसभा चुनाव में उसके सामने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव जैसा प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है तो उसने पार्टी में सभी के लिए दरवाजे खोल दिए। इस कड़ी में हाल में ही पुरोला से कांग्रेस विधायक राजकुमार और निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार (धनोल्टी) व राम सिंह कैड़ा (भीमताल) ने भाजपा का दामन थामा। इसे कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा गया।

राजकुमार वर्ष 2017 में कांग्रेस के टिकट पर जीते थे तो कैड़ा पूर्व में कांग्रेस के प्रांतीय पदाधिकारी रह चुके हैं।अब पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए यशपाल आर्य व उनके पुत्र संजीव आर्य की घर वापसी कराकर कांग्रेस ने भाजपा को बड़ा झटका दिया है। हालांकि, भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य ने राजनीतिक मुद्दों को लेकर कभी भी अपनी नाराजगी जाहिर नहीं की। ये बात अलग है कि नौकरशाही को लेकर वह नाराज रहे हैं, मगर इसे भी उन्होंने सार्वजनिक मंचों से जाहिर नहीं किया।

हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले दिनों आर्य के आवास पर जाकर मुलाकात की थी। तब नाश्ते की टेबल पर दोनों के मध्य करीब एक घंटे तक बातचीत हुई थी। इस मुलाकात को आर्य की नाराजगी से जोड़कर देखा गया था, लेकिन तब उन्होंने इससे इन्कार किया था।अब यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव के कांग्रेस में शामिल होने से भाजपा नेतृत्व भी सकते में है।

इस घटनाक्रम को देखते हुए भाजपा नेतृत्व कांग्रेसी पृष्ठभूमि के विधायकों को लेकर अधिक सतर्क हो गया है। सूत्रों के अनुसार पार्टी को लगे झटके के मद्देनजर कांग्रेस के कुछ नेताओं को भाजपा में शामिल कराया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि इस कड़ी में कांग्रेस के एक विधायक और एक पूर्व मंत्री भाजपा के संपर्क में हैं। दो-तीन दिन के भीतर उन्हें पार्टी ज्वाइन कराकर कांग्रेस को जवाब दिया जा सकता है।

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