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Uttarakhand Budget Session 2021: राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा-उत्‍तराखंड को विकसित राज्‍यों की श्रेणी में लाना लक्ष्‍य

Uttarakhand Budget Session 2021 राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के अभिभाषण के साथ ही ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विधानसभा के बजट सत्र का सोमवार को आगाज हो गया। अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि उत्‍तराखंड को विकसित राज्‍यों की श्रेणी में लाना लक्ष्‍य है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 09:23 AM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 10:54 PM (IST)
Uttarakhand Budget Session 2021: राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा-उत्‍तराखंड को विकसित राज्‍यों की श्रेणी में लाना लक्ष्‍य
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के अभिभाषण के साथ ही गैरसैंण में विधानसभा के बजट सत्र का आगाज हो गया।

राज्य ब्यूरो, गैरसैंण।  Uttarakhand Budget Session 2021  राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के अभिभाषण के साथ ही ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विधानसभा के बजट सत्र का सोमवार को आगाज हो गया। अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि विकेंद्रीकृत विकास और सबका साथ-सबका विकास की अवधारणा को धरातल पर उतारते हुए उत्तराखंड को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाना सरकार का लक्ष्य है। सभी के सहयोग से इस संकल्प को पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने स्वास्थ्य, पेयजल, रोजगार, मनरेगा, कुपोषण, पलायन, खेती-किसानी, सहकारिता समेत विभिन्न क्षेत्रों में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करने के साथ ही भविष्य की योजनाओं को रेखांकित किया।

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उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन के लिए जिला स्तर पर प्लेसमेंट सेल की स्थापना की गई है। विद्यार्थियों के कैंपस साक्षात्कार के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। 40 फीसद विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। साथ ही अल्पकालिक रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन भी किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र में उत्सर्जन कम करने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृ़षि संगठन के वित्तपोषण से पौड़ी जिले में 41 करोड़ की लागत से जैफ (ग्लोबल एनवायरनमेंट फैसिलिटी) -6 ग्रीन एग्रीकल्चर परियोजना जल्द शुरू होगी। उन्होंने अन्य प्रस्तावित योजनाओं का उल्लेख भी किया। अभिभाषण शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डा.इंदिरा हृदयेश के नेतृत्‍व में विपक्ष कांग्रेस ने अभिभाषण में बेरोजगारी की समस्या का ठोस समाधान न होने की बात कहते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया।

राज्यपाल बेबी रानी माैर्य ने अभिभाषण की शुरुआत सरकार द्वारा राज्य में ई-गवर्नेंस की दिशा में उठाए गए कदमों से की और कहा कि ई-गवर्नेंस के तहत शासकीय कार्य पूरी तरह पेपरलेस करने की कार्यवाही जारी है। उन्होंने कहा कि राज्य का सकल घरेलू उत्पाद दो लाख 53 हजार छह सौ 66 करोड़ है, स्थायी भाव पर आर्थिक विकास दर 4.2 फीसद है। राज्य के लिए अनुमानित प्रति व्यक्ति आय दो लाख दो हजार आठ सौ 95 है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुराज एवं सुशासन की स्थापना के लिए सरकारी तंत्र में पारदर्शिता के साथ ही सरकारी कार्यशैली में गुणवत्ता को बढ़ाते सहभागी एवं जवाबदेही व्यवस्था बनाई गई है। आमजन की शिकायतों, समस्याओं एवं परिवादों के निस्तारण को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन समेत अन्य कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को पूर्ण रूप से अस्तित्व में लाने, सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान के लिए आपातकालीन परिचालन केंद्रों को सक्रिय कर प्रबंध केंद्रों को मजबूत किया गया है। जल संसाधनों के नियोजन, विकास एवं प्रबंधन पर फोकस किया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि पर्वतीय जिलों में असिंचित कृषि भूमि की सिंचाई को पंपिंग योजनाओं में स्प्रिंकलर प्रणाली विकसित करने को सर्वेक्षण कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत हर खेत को पानी के लिए 422 क्लस्टर योजनाओं के प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में जड़ी-बूटियों के विपुल भंडार और आयुर्वेद का अधिक महत्व होने के दृष्टिगत उत्तराखंड को हर्बल राज्य घोषित किया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जनसामान्य को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इस कडी़ में उन्होंने अस्पतालों के उच्चीकरण, चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती, अटल आयुष्मान योजना, टेलीमेडिसन ई-संजीवनी, कोरोना संक्रमण की रोकथाम को कोविड हेल्थ व केयर सेंटर, तीन मेडिकल कालेजों की स्वीकृति समेत अन्य कदमों का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि राज्य में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू कर दी गई है। मनरेगा में पांच लाख से ज्यादा परिवारों को रोजगार दिया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित समूहों के लिए 46.18 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए 574 करोड़ की संस्तुति की गई है, जिसके सापेक्ष 287 करोड़ की राशि पंचायतों के खातों में हस्तांतरित की गई है। खेल अवसस्थापना सुविधाओं पर भी फोकस किया गया है। परंपरागत खेलों को चिहि्नत कर इन्हें पहचान दिलाई जाएगी। खेलों के लिए क्षेत्र विशेष का हब के रूप में विकसित करने के साथ ही खिलाड़ियों को तकनीकी जानकारी के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाएगी। राज्यपाल ने पलायन की रोकथाम, औद्योगिक विकास, रुरल ग्रोथ सेंटर, स्टार्टअप, ईज अाफ डूइंग बिजनेस, जलजीवन मिशन, पर्यटन विकास, आवास, नदियों का पुनर्जीवीकरण, अमृत योजना, मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना, एकीकृत बिजली विकास योजना, मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना, जड़ी बूटी कृषिकरण, आइएमए विलेज योजना, सहकारिता के माध्यम से किसानों व समूहों को ब्याजमुक्त ऋण, एफपीओ का गठन समेत अन्य योजनाओं का जिक्र भी किया।

दोपहर बाद सदन में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने राज्यपाल के अभिभाषण का वाचन किया। कार्यमंत्रणा समिति की सिफारिश मंजूर करने के बाद उन्होंने सदन को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

अभिभाषण के अन्य मुख्‍य बिंदु

  • प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में 1872 बसावटों के सापेक्ष 1547 को किया गया संयोजित।
  • एकीकृत आजीविका सुधार परियोजना में नौ जिलों में 122 किसान बाजार व 20 साप्ताहिक हाट स्थापित।
  • कुपोषण से मुक्ति को बाल पालाश योजना में सप्ताह में दो दिन केला व दो अंडे की उपलब्धता।
  • उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के मद्देनजर राजकीय महाविद्यालयों में ई-ग्रंथालय की स्थापना।
  • पर्वतीय क्षेत्र के पालिटेक्निक में अवस्थापना सुविधाओं को समृद्ध कर प्रवेश क्षमता में वृद्धि।
  • गढ़वाल व कुमाऊं मंडलों खोले जाएंगे एक-एक राजकीय आदर्श आवासीय संस्कृत विद्यालय।
  • हल्द्वानी व हरिद्वार में आटोमैटेड फिटनेस टेस्टिंग लेन को 16.50 करोड़ केंद्र से मंजूर।
  • हल्द्वानी में वृहद चालक प्रशिक्षण संस्थान के लिए केंद्र को भेजा 20.86 करोड़ का प्रस्ताव।
  • उत्तराखंड में हेली सेवाओं का विस्तार, उड़ान योजना में सस्ती दरों पर हेली व वायुयान सेवाएं।
  • पौड़ी जिले के सतपुली में लोककला के संरक्षण को बनेगा सांस्कृतिक केंद्र।
  • सौ वर्ष पुराने महत्वपूर्ण देवालयों, मंदिरों स्थलों व स्मारकों के विकास को होगा सर्वेक्षण।

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