मीटर रीडिंग के वक्त मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग अनिवार्य, लापरवाही पर होगी कार्रवाई
उत्तराखंड में मीटर रीडिंग के दौरान कर्मचारी के मास्क न पहनने और सैनिटाइजर का प्रयोग न करने की आ रही शिकायतों को लेकर ऊर्जा निगम ने कड़ा रुख अपना लिया है।
देहरादून, जेएनएन। मीटर रीडिंग के दौरान कर्मचारी के मास्क न पहनने और सैनिटाइजर का प्रयोग न करने की आ रही शिकायतों को लेकर ऊर्जा निगम ने कड़ा रुख अपना लिया है। एमडी बीसीके मिश्रा की ओर से जारी किए गए आदेश में निगम और निजी कंपनी के मीटर रीडरों को निर्देशित किया गया है कि वह मीटर रीडिंग से पहले मास्क तो अनिवार्य रूप से लगाएंगे ही और सैनिटाइजर का प्रयोग भी करेंगे। इसकी अनदेखी की शिकायत मिलने पर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि राज्य में विद्युत बिलों के वितरण की दो व्यवस्था हैं।
अधिकांश पर्वतीय जिलों में अभी ऊर्जा निगम के मीटर रीडर घरों में जाकर रीडिंग लेते हैं और मौके पर ही बिल प्रिंट कर दे देते हैं। जबकि देहरादून, ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार और नैनीताल में कुछ क्षेत्रों को छोड़कर तकरीबन अधिकांश जगहों पर विद्युत बिल वितरण का कांट्रेक्ट टीडीएस कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। मोटे तौर पर कहा जाए तो इस कंपनी के पास राज्य के करीब साठ फीसद उपभोक्ताओं यानि करीब 12 लाख उपभोक्ताओं तक बिल पहुंचाने की जिम्मेदारी है।
बीते मई महीने से शुरू हुए बिल वितरण के बाद से आम उपभोक्ताओं की ओर से यह शिकायत आ रही थी कि उनके यहां मीटर रीडर बिना मास्क के ही पहुंच गया और उसके पास सैनिटाइजर भी नहीं था। इसे देखते हुए अब निगम ने कड़ा रुख अपनाया है। निगम के एमडी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मीटर रीडर को केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जारी कोरोना गाइडलाइन का हर हाल में पालन करना होगा। यदि इस तरह की शिकायत मिलती रही तो अब सीधे कार्रवाई की जाएगी।
निदेशक मानव संसाधन, यूपीसीएल एके सिंह ने बताया कि विद्युत बिल वितरण शुरू करते समय ही सभी डिवीजन और निजी कंपनी को ई-मेल के जरिये कोरोना गाइड लाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए थे। जहां निगम के कर्मचारी विद्युत बिल का वितरण कर रहे हैं वहां मास्क और सैनिटाइजर के लिए बजट भी दिया गया है। निजी कंपनी को अपने स्तर से इसकी व्यवस्था करनी है। इसकी मॉनीटरिंग की जा रही है।
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