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बिजली चोरी में दागियों पर फिर 'ढीला' पड़ा ऊर्जा निगम, पढ़िए पूरी खबर

बिजली चोरी के मामले में ऊर्जा निगम की कार्रवाई फिर सवालों के घेरे में आ गई है। क्योंकि संबंधित क्षेत्र के एसडीओ और अन्य के खिलाफ कार्रवाई में प्रबंधन के कदम ठिठक गए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 01:48 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 01:48 PM (IST)
बिजली चोरी में दागियों पर फिर 'ढीला' पड़ा ऊर्जा निगम, पढ़िए पूरी खबर
बिजली चोरी में दागियों पर फिर 'ढीला' पड़ा ऊर्जा निगम, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। गदरपुर में अब तक की सबसे बड़ी बिजली चोरी के मामले में ऊर्जा निगम की कार्रवाई फिर सवालों के घेरे में आ गई है। चोरी सामने आने के बाद जेई और एसएसओ को तो तत्काल संस्पेंड कर दिया गया, लेकिन संबंधित क्षेत्र के एसडीओ और अन्य के खिलाफ कार्रवाई में निगम प्रबंधन के कदम ठिठक गए हैं। हालांकि, प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने कहा कि एसडीओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबंधित क्षेत्र के एसई से अनुमोदन मांगा गया है। जिसके बाद तत्काल कार्रवाई की जाएगी। 

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विदित है कि गदरपुर में रविवार को बड़ी बिजली चोरी सामने आई। यहां यशोदा फ्लोर मिल मालिक की ओर से 11केवी लाइन से अपने निजी ट्रांसफार्मर को जोड़कर महीनों से बिजली चोरी की जा रही थी। 20 अप्रैल की रात को विजलेंस और विद्युत विभाग की टीम ने मिल में छापा मारा तो वहां लगभग 100 किलोवाट बिजली चोरी पकड़ में आई। यशोदा फ्लोर मिल के मलिक अजय पांडेय द्वारा सीधे 11केवी विद्युत लाइन में अपना निजी 800 एमवीए का ट्रांसफार्मर जोड़कर कई महीनों से रात के समय बिजली चोरी की जा रही थी। चोरी पकडऩे पर ऊर्जा निगम ने तत्काल जूनियर इंजीनियर महेंद्र कुमार, एसएसओ नारायण सिंह को निलंबित कर दिया। जबकि सेल्फ हेल्प ग्रुपके एसएसओ उमेश कुमार की सेवा समाप्त कर दी। 

लेकिन, संबंधित क्षेत्र के एसडीओ सहित अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर ऊर्जा निगम प्रबंधन अभी तक असंमजस की स्थिति में है। बताया जा रहा है कि एसडीओ के खिलाफ तो पहले भी शिकायत आई थी। जिसके बाद उनका ट्रांसफर दूसरे डिविजन में कर दिया था, लेकिन अभी तक वह वहीं जमे हुए थे। वहीं, 500 केवी का कनेक्शन स्वीकृत होने के तीन महीने बाद भी पैसा जमा न करने और इसी बीच ट्यूबवेल के लिए भी कनेक्शन स्वीकृत होने के बाद डिविजन के किसी भी अधिकारी की ओर से मौके पर जाने की जरूरत नहीं समझी गई। जो गंभीर लापरवाही है, लेकिन इसके बाद भी अन्य दोषियों पर कार्रवाई न होना, निगम प्रबंधन की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल खड़े कर रहा है। 

हालांकि, निगम के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जिन भी कर्मचारी, अधिकारियों की संलिप्तता पाई जाएगी, उन्हें किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। 

फ्लोर मिल पर लग सकता है 50 लाख से अधिक का जुर्माना 

बिजली चोरी पकड़ में आने के बाद विद्युत विभाग ने जो बिजली चोरी का आकलन किया है। उसके हिसाब से फ्लोर मालिक ने अब तक करीब 50 लाख से अधिक की बिजली चोरी की है। इसी के हिसाब से फ्लोर मालिक पर जुर्माना लगाया जाएगा। 

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