उत्तराखंड: वेतन कटौती के आदेश के खिलाफ ऊर्जा कर्मी लामबंद, 11 को करेंगे विरोध प्रदर्शन
ऊर्जा निगम में राजस्व वसूली कम होने और लाइन लॉस होने पर कार्मिकों के वेतन से कटौती के आदेश से हड़कंप मचा हुआ है। तमाम कार्मिक इसके विरोध में उतर आए हैं। उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने आदेश वापस लेने की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन का एलान किया।
जागरण संवाददाता, देहरादून। ऊर्जा निगम में राजस्व वसूली कम होने और लाइन लॉस होने पर कार्मिकों के वेतन से कटौती के आदेश से हड़कंप मचा हुआ है। तमाम कार्मिक इसके विरोध में उतर आए हैं। उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने आदेश वापस लेने की मांग को लेकर सोमवार को विरोध-प्रदर्शन का एलान किया।
एसोसिएशन की ओर से शनिवार को ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक को आंदोलन का नोटिस दिया गया। इसमें कार्मिकों ने कहा कि यह आदेश अवैधानिक है और अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए कार्मिकों के उत्पीडऩ को जारी किया गया है। एसोसिएशन इस आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग करती है। उन्होंने कहा कि 11 जनवरी को दोपहर दो बजे ऊर्जा निगम मुख्यालय पर विरोध-प्रदर्शन कर प्रबंध निदेशक को ज्ञापन सौंपा जाएगा। यदि इसके बाद भी प्रबंधन आदेश वापस नहीं लेता है तो एसोसिएशन पूर्ण कार्य बहिष्कार करेगा।
इससे पहले उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन यूपीसीएल-पिटकुल की ऑनलाइन बैठक हुई। जिसमें सभी पदाधिकारियों ने प्रबंध निदेशक की ओर से सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता और अधीक्षण अभियंता का वेतन राजस्व वसूली एवं लाइन लॉस के आधार पर आहरित करने के आदेश का विरोध किया। महासचिव पवन रावत ने कहा कि निगम में अवर अभियंता, सहायक अभियंता और लाइन स्टाफ के सैकड़ों पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं।
संगठन इन्हें भरने की मांग कर रहा है, जबकि प्रबंधन उदासीन बना हुआ है। इससे फील्ड में पहले से ही कार्यरत कार्मिकों को दोहरा कार्यभार सौंपा गया है। इससे कार्य की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। बताया कि सोमवार को 12 बजे ऊर्जा भवन में गेट मीटिंग की जाएगी। बैठक में प्रांतीय उपाध्यक्ष दीपक पाठक, बबलू सिंह, प्रमोद भंडारी, अरविंद नेगी, आरपी नौटियाल, मनोज कंडवाल, भीम आर्य आदि शामिल हुए।
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