Move to Jagran APP

वन्यजीव सुरक्षा को सूचनाएं साझा करेंगे उत्‍तर प्रदेश और उत्तराखंड

उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे वन क्षेत्रों में वन्यजीव सुरक्षा को लेकर दोनों राज्य संजीदा हुए हैं। इस कड़ी में दोनों राज्यों के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक स्तर की बैठक होगी।

By Edited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 08:46 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 04:24 PM (IST)
वन्यजीव सुरक्षा को सूचनाएं साझा करेंगे उत्‍तर प्रदेश और उत्तराखंड
वन्यजीव सुरक्षा को सूचनाएं साझा करेंगे उत्‍तर प्रदेश और उत्तराखंड

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे वन क्षेत्रों में वन्यजीव सुरक्षा को लेकर दोनों राज्य संजीदा हुए हैं। इस कड़ी में दोनों राज्यों के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक स्तर की बैठक नौ अगस्त को कार्बेट टाइगर रिजर्व से लगे अमानगढ़ (बिजनौर) में होगी, जिसमें शिकारियों, तस्करों से संबंधित सूचनाएं साझा की जाएंगी। इसके साथ ही सीमा पर दोनों राज्यों के वनकर्मियों की संयुक्त गश्त को लेकर रणनीति पर भी मुहर लगेगी।

loksabha election banner

वन्यजीव सुरक्षा के दृष्टिकोण से उत्तराखंड की उत्तर प्रदेश से लगी सीमा को बेहद संवेदनशील माना जाता है। पूर्व में कार्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व के साथ ही सीमा से सटे वन क्षेत्रों में तस्करों-शिकारियों की घुसपैठ की बातें सामने आ चुकी है। फिर वर्तमान में मानसून सीजन चल रहा है और इस दौरान शिकार की आशंका ज्यादा रहती है। इस सबको देखते हुए अब दोनों राज्यों के वन महकमे सीमावर्ती क्षेत्रों में वन्यजीव सुरक्षा को लेकर नई रणनीति तय करने की कवायद में जुटे हैं।

उत्तराखंड के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के अनुसार नौ अगस्त को अमानगढ़ में होने वाली बैठक में वन्यजीव सुरक्षा से जुड़े विषयों पर महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे। इस बैठक के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने भी सहमति दे दी है। बैठक में दोनों राज्यों के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालकों के अलावा टाइगर रिजर्व के निदेशक और विभिन्न वन प्रभागों के डीएफओ स्तर के अधिकारी शिरकत करेंगे।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में अब हाथियों को थामने की नई कवायद, जानिए क्या है योजना

उन्होंने बताया कि बैठक में दोनों राज्यों विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय शिकारियों, तस्करों से संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही सीमा पर दोनों राज्यों के कार्मिक निरंतर संयुक्त गश्त करें, इसकी रणनीति भी तय होगी। सीमावर्ती क्षेत्र में खुफिया तंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में भी निर्णय लिया जाएगा।

यह भी पढ़ें: International Tiger Day 2020: उत्तराखंड में शिखर पर बाघ, चुनौतियां भी बरकरार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.