यूसीएल और यूपीएल के आयोजन पर मान्यता का पेंच
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड क्रिकेट लीग (यूसीएल) और उत्तराखंड प्रीमियर लीग (यूपीएल
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड क्रिकेट लीग (यूसीएल) और उत्तराखंड प्रीमियर लीग (यूपीएल) के आयोजन पर इस साल संकट के बादल मंडरा रहे हैं। आयोजन के लिए उत्तरप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) ने दोनों लीग के आयोजन को फिलहाल मान्यता देने से इंकार कर दिया है। साथ ही दोनों के आयोजकों से दो साल के आयोजनों का लेखा-जोखा भी मांगा है।
साल 2015 में उत्तराखंड में पहली बार आइपीएल की तर्ज पर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) के माध्यम से यूपीसीए की परमिशन के साथ यूपीएल का आयोजन हुआ। फ्रैंचाइजी टीमें बनी, खिलाडि़यों को खरीदा गया और पूरा आयोजन आइपीएल के कलेवर में हुआ। इस लीग के अगले साल 2016 में ही यूसीएल की शुरुआत हुई। आइपीएल का दूसरा सीजन तो बिना परमिशन के ही निपटा, लेकिन यूसीएल आयोजकों ने जैसे-तैसे यूपीसीए से मान्यता लेकर आयोजन करवाया। लेकिन तीसरे साल के आयोजन से पहले बीसीसीआइ ने दोनों ही लीग के आयोजनों को संकट में डाल दिया है। बोर्ड की ओर से जारी गाइडलाइन में यह स्पष्ट है कि इस तरह की लीग केवल राज्य क्रिकेट एसोसिएशन ही करवा सकती है। हालांकि, उत्तराखंड में किसी भी एसोसिएशन को अभी मान्यता नहीं है, लेकिन यूपीसीए से संबद्ध सीएयू ने इस साल यूपीएल कराने का बीड़ा उठाया है। वहीं, यूसीएल आयोजकों ने भी लीग कराने के लिए सीएयू को आग्रह पत्र भेज दिया है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद फिलहाल अभी तक दोनों ही लीग के आयोजकों ने खर्च का लेखा-जोखा प्रस्तुत नहीं किया है। ऐसी स्थिति में दोनों ही बड़े आयोजन इस साल भी खटाई में पड़ते नजर आ रहे हैं।
पिछले दो साल हम लोग आयोजन से नहीं जुड़े थे, जिस वजह से हमारे पास कोई ब्योरा नहीं है। हमारा प्रयास है कि नए सिरे से यूपीएल का आयोजन किया जाए। यूसीएल के आयोजकों ने भी परमिशन के लिए पत्र दिया था, जिसे यूपीसीए भेज दिया गया है। जिस लीग को यूपीसीए से परमिशन मिलेगी, हम उसी का आयोजन करवाएंगे।
महिम वर्मा, प्रभारी सचिव, सीएयू
बोर्ड की परीक्षाओं को देखते हुए हम अप्रैल के प्रथम सप्ताह से आयोजन करवाएंगे। परमिशन के लिए सीएयू को पत्र दिया गया है, हमें उम्मीद है कि पिछले दो सालों की तरह सीएयू की ओर से हमें पूरा सहयोग मिलेगा।
देवेंद्र सती, चेयरमैन, यूसीएल