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सरकार के फैसले के विरोध में उतरे उपनल कर्मियों ने दी आंदोलन की चेतावनी

विभागों से हटाए जाने और अन्य को उपनल के माध्यम से नियुक्ति देने के सरकार के निर्णय का उपनल संविदा कर्मचारी संघ ने विरोध किया है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 06:30 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 06:30 PM (IST)
सरकार के फैसले के विरोध में उतरे उपनल कर्मियों ने दी आंदोलन की चेतावनी
सरकार के फैसले के विरोध में उतरे उपनल कर्मियों ने दी आंदोलन की चेतावनी

देहरादून, जेएनएन। विभागों से हटाए जाने और अन्य को उपनल के माध्यम से नियुक्ति देने के सरकार के निर्णय का उपनल संविदा कर्मचारी संघ ने विरोध किया है। उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। रविवार को ऑनलाइन माध्यम से हुई उपनल संविदा कर्मचारी संघ की प्रदेश एवं जनपद कार्यकारिणी की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।

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प्रदेश महामंत्री मनोज जोशी ने उपनल कर्मियों की समस्याएं उठाईं। सभी जिलाध्यक्षों ने सरकार के दो दिन पूर्व कैबिनेट में लिए गए फैसले का पुरजोर विरोध किया। मनोज जोशी ने कहा कि एक ओर सरकार पूर्व सैनिक व उनके आश्रितों के कल्याण का दावा करती है, लेकिन दूसरी तरफ उच्च न्यायालय के निर्णय नियमितीकरण व समान कार्य, समान वेतन को लागू नहीं कर रही है। यही नहीं वर्षों से उपनल के माध्यम से कार्यरत 18 हजार उपनल कर्मचारियों को नौकरी से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पीटीशन दायर की है। ऐसे में उन्होंने सरकार के फैसले का पूर्ण रूप से विरोध करने का एलान किया। साथ ही, सरकार उपनल कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य को नियमावली बनाए और उसी नियमावली के तहत प्रदेश के युवाओं को नियमित रोजगार देने की मांग की गई।

 जिलाध्यक्ष देहरादून प्रमोद गुसाईं ने कहा कि सरकार कोरोनाकाल में हटाए गए लगभग 200 उपनल कर्मचारियों की बहाली करें, इसके बाद अन्य को रोजगार देने की बात करे। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि उच्च न्यायालय की ओर से वर्ष 2016 में फैसला दिया गया था कि उपनल से केवल पूर्व सैनिक व उनके आश्रितों को रोजगार दिया जाए, लेकिन सरकार ने अन्य को उपनल से भर्ती कराने का निर्णय कर उपनल कर्मियों के भविष्य से खिलवाड़ किया है।

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प्रदेश अध्यक्ष रमेश शर्मा ने कहा कि बीते 10 अगस्त 2020 को मुख्य सचिव ने एक शासनादेश जारी किया था कि हटाए गए उपनल कर्मचारियों को एक माह के भीतर दोबारा बहाल किया जाएगा, अब तक इस पर विचार नहीं हुआ। ऐसे में उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ ने चेतावनी दी है कि 10 दिन के भीतर सभी हटाए गए कर्मचारियों की बहाली नहीं की गई तो संघ कार्यबहिष्कार कर आंदोलन शुरू कर देगा। बैठक में प्रमोद सिंह गुसाईं, पूरन भट्ट, तेजा बिष्ट, विनोद बिष्ट, त्रिभुवन बसेरा, कमल गढिय़ा, मनोज गढ़कोटी, प्रवीन पांडे, राकेश पांडे, मनीष वर्मा आदि उपस्थित थे

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