शिक्षकों को अनुदान के बदले प्रोत्साहन राशि मंजूर नहीं
गढ़वाल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (ग्रुटा) ने सरकार की ओर से राज्य अनुदानित महाविद्यालयों को अनुदान के बदले प्रोत्साहन राशि दिए जाने पर गहरा रोष जताया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : गढ़वाल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (ग्रुटा) ने सरकार की ओर से राज्य अनुदानित महाविद्यालयों को अनुदान के बदले प्रोत्साहन राशि दिए जाने पर गहरा रोष जताया है। शिक्षक संघ का मानना है कि उत्तर प्रदेश व अब अलग राज्य बने उत्तराखंड में यह व्यवस्था 1975 से लागू है। उच्च शिक्षा में यह महाविद्यालय एक अहम रोल निभा रहे है। पूरे उत्तराखंड में उच्च शिक्षा के कुल छात्रों के सापेक्ष एक तिहाई छात्र इन महाविद्यालयों अध्ययन कर रहे है। इन महाविद्यालयों का अनुदान बंद करने से न केवल शिक्षकों के सामने आíथक समस्या उत्पन्न होगी वरन छात्रों का भी अहित होगा।
शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. वीपी सिंह ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए समय देने का निवेदन किया जाएगा और समस्या का निदान करने के लिए ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। ताकि शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों में व्याप्त अनिश्चितता को दूर किया जा सके। शिक्षकों में इस बात को लेकर भी आक्रोश है कि सरकार बार-बार अशासकीय महाविद्यालय के शिक्षकों की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम कर रही है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों की एक संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया गया है जिसमें प्रत्येक महाविद्यालय के शिक्षक संघ के अध्यक्ष व महासचिव को सदस्य बनाया गया है। इन महाविद्यालय के शिक्षकों ने जताया विरोध
शिक्षकों को अनुदान के बदले प्रोत्साहन राशि दिए जाने के मामले में ग्रुटा महासचिव डॉ. डीके त्यागी, डीएवी कॉलेज से डॉ. यूएस राणा, डॉ. राजेश पाल, डॉ. कौशल कुमार, डॉ. एचएस रंधावा, डॉ. देवना शर्मा, डॉ. अनुपमा सक्सेना, गुरुराम राय पीजी कॉलेज से डॉ. आरपी सेमवाल, मेजर प्रदीप सिंह, डॉ. संदीप नेगी, डॉ. एचवी पंत, डॉ. सुमंगल सिंह, डॉ. दीपाली सिंघल, बीएसएम कॉलेज रुड़की से डॉ. कामना जैन, डॉ. सुहासिनी श्रीवास्तव, डॉ. विनीता चौधरी, चिन्मय डिग्री कॉलेज हरिद्वार से डॉ. पीके शर्मा, डॉ. भानु प्रकाश गुप्ता, एसएम जेएन कॉलेज हरिद्वार से मनोज थपलियाल आरएसएम कॉलेज नारसन से डॉ. रविन्द्र सिंह, डॉ. संदीप कुमार,एमकेपी कॉलेज देहरादून से डॉ. रिचा काबोज, डीबीएस पीजी कॉलेज देहरादून से डॉ. सोनू द्विवेदी, चमनलाल लाल डिग्री कॉलेज लंढौरा हरिद्वार से डॉ. धर्मेंद्र कुमार, डॉ. एस के शर्मा, हर्ष विद्या मंदिर कॉलेज रायसी हरिद्वार से डॉ. मंजू व सृष्टि कुकशाल ने विरोध जताया।