दावा करने वालों को निष्क्रिय खातों में अटके 10.27 करोड़ लौटाए, बैंक अधिकारों ने ग्राहकों को दी ये बड़ी जानकारी
बैंकों ने निष्क्रिय खातों में पड़े 10.27 करोड़ रुपये ग्राहकों को लौटाए हैं। यह राशि उन खातों में थी जो लंबे समय से इस्तेमाल नहीं हुए थे। बैंकों ने ग्राहकों को दावा प्रक्रिया आसान बनाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन विकल्प दिए हैं। ग्राहकों को अपने निष्क्रिय खातों की जांच करने और दावा करने की सलाह दी गई है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। निष्क्रिय खातों में अटकी आम जनता की मेहनत की कमाई को लौटाने के उद्देश्य से आपकी पूंजी आपका अधिकार विषय पर आयोजित जन जागरूकता शिविर सफल रहा। कार्यक्रम का आयोजन एसएलबीसी (एसबीआइ) और जिला अग्रणी बैंक (पीएनबी) की ओर से संयुक्त रूप से किया गया। बैंक अधिकारियों ने बताया कि निष्क्रिय खातों में पड़ी करीब सवा 10.27 करोड़ की रकम दावा करने वालों को लौटाई जा चुकी है।
शुक्रवार को सर्वे चौक स्थित आइआरडीटी प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, भारतीय स्टेट बैंक के महाप्रबंधक दिपेश राज, भारतीय रिजर्व बैंक के उप महाप्रबंधक शैलेंद्र शर्मा, पंजाब नेशनल बैंक के उप महाप्रबंधक पीएस रावत, यूनियन बैंक आफ इंडिया के उप महाप्रबंधक मनोहर सिंह और बैंक आफ बड़ौदा के उप महाप्रबंधक अरविंद जोशी उपस्थित रहे। देहरादून जिले के विभिन्न बैंकों में लगभग पांच लाख खातों की करीब 210 करोड़ रुपये की राशि लंबे समय से निष्क्रिय रहने के चलते भारतीय रिजर्व बैंक के विशिष्ट निधि (डीईएएफ) में स्थानांतरित कर दी गई थी।
वहीं, बैंकों के प्रयासों और जागरूकता अभियान के तहत इन निष्क्रिय खातों में से 10.27 करोड़ रुपये वास्तविक खाताधारकों या दावा करने वालों को वापस कर दिए गए हैं। शिविर में उपस्थित कुछ लाभार्थियों को यह राशि बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से प्रतीकात्मक चेक के रूप में प्रदान की गई। इस जन-जागरूकता शिविर का मुख्य उद्देश्य जनता को यह समझाना था कि उनकी जमा पूंजी उनकी ही है, जिसे वे उचित दस्तावेज और दावा प्रक्रिया पूरी कर प्राप्त कर सकते हैं।

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