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पुलवामा शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दे रहे जाधव, शहीद रतूड़ी के परिवार से मिले; जानिए इनके बारे में

महाराष्ट्र निवासी उमेश गोपीनाथ जाधव मंगलवार को दून पहुंचे। यहां उन्होंने सीआरपीएफ के शहीद एएसआइ मोहन लाल रतूड़ी के परिवार से मुलाकात की।

By Edited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 08:22 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 04:32 PM (IST)
पुलवामा शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दे रहे जाधव, शहीद रतूड़ी के परिवार से मिले; जानिए इनके बारे में
पुलवामा शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दे रहे जाधव, शहीद रतूड़ी के परिवार से मिले; जानिए इनके बारे में
देहरादून, जेएनएन। देशभर से पुलवामा शहीदों के घर-आंगन की मिट्टी एकत्र करने वाले महाराष्ट्र निवासी उमेश गोपीनाथ जाधव मंगलवार को दून पहुंचे। यहां उन्होंने सीआरपीएफ के शहीद एएसआइ मोहन लाल रतूड़ी के परिवार से मुलाकात की। जाधव ने कहा कि शहीदों और उनके स्वजनों के हम हमेशा कर्जदार रहेंगे। कहा कि मुझे पुलवामा के प्रत्येक शहीद के परिवार से मुलाकात करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का गौरव मिला है।
शहीदों के घर की मिट्टी इकट्ठा करने और इससे बनने वाले स्मारक के पीछे उद्देश्य सिर्फ इतना है कि शहीदों ने जो बलिदान दिया उसे पीढ़ियां याद रखें। दरअसल, महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी उमेश गोपीनाथ जाधव ने देशभर में घूमकर पुलवामा शहीदों के घर की मिट्टी ली और उसे जम्मू-कश्मीर, उनकी कर्मभूमि तक पहुंचाया। इस मिट्टी से अब एक स्मारक तैयार किया जाएगा। मंगलवार को वह पुलवामा शहीद मोहन लाल रतूड़ी के परिवार से मुलाकात करने कांवली रोड स्थित एमडीडीए कॉलोनी में उनके आवास पर पहुंचे, जहां शहीद के परिवार ने उन्हें गंगा जल का आचमन कराया। 
जाधव ने कहा कि शहीद किसी धर्म, जाति या क्षेत्र का नहीं होता, बल्कि वह देश की खातिर प्राण न्यौछावर करता है। ऐसे में हम सभी का कर्तव्य है कि उनके परिवार के साथ खड़े रहें, उन्हें पूरा सम्मान दें और शहीदों के बलिदान को सदैव याद रखें। शहीद की पत्नी को नमन करते जाधव ने कहा कि जो हिम्मत और हौसला उन्होंने दिखाया है, वही आगे भी बरकरार रखें। याद रहे कि पूरा देश उनके साथ खड़ा है। शहीद की बेटी वैष्णवी और बेटे श्रीराम से कहा कि उनमें अपने पिता का अक्स है। पिता के मान-सम्मान को आप सदैव बनाकर रखना। इस दौरान जाधव के साथ सीआरपीएफ के कमान्डेंट किशोर प्रसाद, इंस्पेक्टर नीरज पंवार आदि उपस्थित रहे।
शहीदों के सम्मान के आगे हर सम्मान फीका 
जाधव ने अपने अनुभव साझा करते कहा कि मैने जो किया, किसी को खुश करने के लिए नहीं किया, न कोई सम्मान पाने के लिए। शहीदों के सम्मान के आगे हर सम्मान फीका है। यह शहीदों की मातभृमि की मिट्टी है, जिसके लिए उन्होंने 61 हजार किलोमीटर की यात्रा की है। बताया कि शहीदों के घर पहुंचना आसान नहीं था, कई परिवार तो बहुत ही दूरदराज के इलाकों में रहते हैं। कई बार वह अपनी कार के भीतर ही सोए, कई बार शहीदों के घर के पास ही रात गुजारी, उनके अनुभव सुने। उनके साथ बैठ उनकी भावनाओं को समझने का प्रयास किया।
सीआरपीएफ ने किया सम्मानित 
सीआरपीएफ के देहरादून स्थित सेक्टर कार्यालय में जाधव को सम्मानित किया गया। वहां उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनके साहस, जिजीविषा, बिना किसी स्वार्थ व समर्पित भाव से देशभक्ति की मशाल रोशन करने की दृढ़ इच्छाशक्ति को सलाम किया। उप महानिरीक्षक दिनेश उनियाल और विमल कुमार बिष्ट ने उनका मनोबल बढ़ाया। जाधव ने कहा कि देवभूमि आकर वह धन्य हो गए हैं। उन्हें गंगाजल का आचमन किया और भविष्य की परिकल्पना के लिए गंगाजल एकत्रित भी किया।

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