पुलवामा हमले के शहीदों को ये शख्स दे रहा है सच्ची श्रद्धांजलि, जानिए
कुछ लोग राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीर सैनिकों की अमूल्य शहादत का मोल समझाने के साथ ही जन-जन के बीच देशभक्ति का जज्बा भी जगा रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। शहीदों की याद संजोए रखने को कुछ लोग अपना मिशन बना चुके हैं। राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीर सैनिकों की अमूल्य शहादत का मोल समझाने के साथ ही जन-जन के बीच देशभक्ति का जज्बा भी जगा रहे हैं। ऐसा ही एक नाम है, महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी उमेश गोपीनाथ जाधव का, जिन्होंने पुलवामा में शहीदों का स्मारक बनाने के लिए उनके आंगन की मिट्टी एकत्र की है। इसके लिए उन्होंने 54 हजार किमी की यात्रा की। वह आज देहरादून में पुलवामा हमले में शहीद मोहन लाल रतूड़ी के परिवार से मुलाकात करेंगे। उनकी इस मुहिम के लिए सीआरपीएफ द्वारा उनका सम्मान भी किया जाएगा।
बेंगलुरु निवासी उमेश पेशे से म्यूजिशियन और फार्माकॉलजिस्ट हैं। उन्होंने अलग ही ढंग से शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए हैं। शहीदों को सम्मान दिलाने के मिशन पर निकले उमेश गत वर्ष नौ अप्रैल को सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर बेंगलुरु से रवाना हुए थे। इस दौरान उन्होंने कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा, पुडुचेरी, महाराष्ट्र, पंजाब, मध्यप्रदेश, गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर सहित 25 राज्यों की करीब 54 हजार किलोमीटर की यात्रा की।
कई बार उनकी कार ही रात में उनके रहने का ठिकाना होती थी, क्योंकि वे होटल का बिल चुकाने में असमर्थ थे। पर तमाम चुनौतियों के बाद भी उनका हौसला नहीं डिगा। उन्होंने देशभर में पुलवामा हमले के शहीदों के परिजनों से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। उनके घर-आंगन की मिट्टी को अपने माथे से लगाया। यही वजह है कि पुलवामा हमले की पहली बरसी पर श्रीनगर में सीआरपीएफ के लेथपोरा कैंप में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें खास मेहमान के तौर पर बुलाया गया।
उस दिन जयपुर से बेंगलुरु जा रहे थे उमेश
उनकी इस यात्रा के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। अजमेर में एक म्यूजिक कॉन्सर्ट के बाद पिछले साल 14 फरवरी को उमेश जाधव बेंगलुरु में अपने घर के लिए लौट रहे थे। जयपुर एयरपोर्ट पर टीवी स्क्रीन में न्यूज लगातार चलने लगी कि आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया, जैसे ही विचलित कर देनेवाला वह दृश्य टीवी पर चलने लगा, उन्होंने फैसला किया कि शहीद परिवारों के लिए कुछ न कुछ किया जाए।
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शहीद मोहन लाल रतूड़ी के परिवार से करेंगे मुलाकात
सीआरपीएफ के डीआइजी दिनेश उनियाल ने बताया कि पुलवामा हमले की पहली बरसी से पूर्व जाधव दून नहीं पहुंच पाए थे। ऐसे में शहीद मोहन लाल रतूड़ी के घर की मिट्टी जम्मू-कश्मीर भिजवा दी गई थी। सोमवार रात वह दून पहुंचे। मंगलवार को वह कांवली रोड स्थित एमडीडीए कॉलोनी में शहीद के परिवार से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लेंगे।
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