सरकारी विवि के लिए अंब्रेला एक्ट जल्द
प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालय जल्द ही एक अंब्रेला एक्ट के अधीन आएंगे। मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में एक्ट के मसौदे को अंतिम रूप दिया गया।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालय जल्द ही एक अंब्रेला एक्ट के अधीन आएंगे। मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में एक्ट के मसौदे को अंतिम रूप दिया गया। समिति ने कुलपति, कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, वित्त अधिकारी समेत तमाम अहम पदों पर नियुक्तियों के लिए पात्रता शर्तो में एकरूपता को लेकर सिफारिश की है। एक्ट में कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल की भूमिका को भी अहमियत दी गई है। उपसमिति अपनी सिफारिशें मंत्रिमंडल के समक्ष रखेगी।
प्रदेश में सरकारी विश्वविद्यालयों को जल्द अपना एकीकृत एक्ट मिलने जा रहा है। बुधवार को विधानसभा स्थित सभाकक्ष में काबीना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक हुई। बैठक में उपसमिति के सदस्य काबीना मंत्री सुबोध उनियाल और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत मौजूद रहे। सूत्रों के मुताबिक बैठक में सर्च कमेटी की सदस्य संख्या पांच रखने पर विचार किया गया।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में काबीना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने बताया कि अलग अंब्रेला एक्ट बनने से सभी सरकारी विश्वविद्यालयों में एकरूपता आएगी। वर्तमान में विश्वविद्यालयों के अलग-अलग एक्ट होने से कई विसंगतियां पेश आ रही हैं। एकीकृत एक्ट इन समस्याओं का समाधान होगा। विश्वविद्यालयों में कुलपति, कुलसचिव समेत विभिन्न पदों के लिए नियुक्ति की अलग-अलग व्यवस्था समाप्त होने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि अंब्रेला राज्य बनने के करीब 20 वर्ष बाद मिलने जा रहा है। यह कार्य पहले होना चाहिए था। उपसमिति ने विभिन्न विश्वविद्यालयों के अधिकारियों और शिक्षाविदों से मिले सुझावों पर गौर करते हुए अपनी सिफारिशों का हिस्सा बनाया है। नए प्रस्तावित एक्ट में राज्यपाल व कुलाधिपति के सम्मान का भी पूरा ध्यान रखने की बात उन्होंने कही। बैठक में उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन समेत कई अधिकारी भी मौजूद रहे।