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अंब्रेला एक्ट में राष्ट्रीय आयोग की गाइडलाइन

प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की वित्तीय स्वायत्तता से छेड़छाड़ नहीं होगी लेकिन उन्हें फीस को लेकर मनमानी भी नहीं करने दी जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 09:05 PM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 09:05 PM (IST)
अंब्रेला एक्ट में राष्ट्रीय आयोग की गाइडलाइन
अंब्रेला एक्ट में राष्ट्रीय आयोग की गाइडलाइन

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की वित्तीय स्वायत्तता से छेड़छाड़ नहीं होगी, लेकिन उन्हें फीस को लेकर मनमानी भी नहीं करने दी जाएगी। इस पर अंकुश रखने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) को मिलाकर प्रस्तावित राष्ट्रीय उच्च शिक्षा आयोग की गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है। निजी विश्वविद्यालयों के लिए बनाए जा रहे अंब्रेला एक्ट में आयोग की गाइडलाइन को शामिल किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो उक्त गाइडलाइन के मुताबिक राज्य स्तर पर भी आयोग का गठन कर उसे अंब्रेला एक्ट से जोड़ा जाएगा।

प्रदेश में सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों के लिए अलग-अलग अंब्रेला एक्ट बनाए जा रहे हैं। निजी विश्वविद्यालय संचालकों के साथ रायशुमारी के बाद सरकार यह फैसला ले चुकी है। प्रस्तावित अंब्रेला एक्ट में निजी विश्वविद्यालयों की वित्तीय स्वायत्तता और कामकाज में सरकारी हस्तक्षेप के पक्ष में सरकार नहीं है। अलबत्ता विभिन्न पाठ्यक्रमों के फीस स्ट्रक्चर पर सरकार की नजर जरूर रहेगी। फीस स्ट्रक्चर को इतना बेकाबू नहीं होने दिया जाएगा, ताकि यह कानून व्यवस्था की समस्या न बन सके। अंब्रेला एक्ट के दायरे में उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के तमाम पाठ्यक्रम संचालित करने वाले निजी विश्वविद्यालय होंगे।

अभी उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों को यूजीसी और तकनीकी शिक्षा के पाठ्यक्रमों को एआइसीटीई की गाइडलाइन के मुताबिक संचालित किया जा रहा है। दो अलग केंद्रीय नियामक संस्थानों के चलते राज्य सरकार को भी निजी विश्वविद्यालयों पर लगाम कसने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। राष्ट्रीय उच्च शिक्षा आयोग गठित होने के बाद उक्त दोनों केंद्रीय नियामक संस्थाओं का विलय आयोग में हो जाएगा। ऐसे में आयोग की गाइडलाइन से ही निजी विश्वविद्यालयों को नियंत्रित किया जाएगा।

इससे पहले उत्तराखंड में निजी विश्वविद्यालयों को मनमर्जी नहीं करने देने को हिमाचल पैटर्न पर अंब्रेला एक्ट बनाने और ट्रिब्यूनल गठित करने पर विचार किया गया था, लेकिन इस विचार को सरकार अब छोड़ चुकी है। सरकार का मानना है कि इससे राज्य को एजुकेशन हब बनाने की उसकी मुहिम पर विपरीत असर पड़ेगा। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रस्तावित राष्ट्रीय उच्च शिक्षा आयोग में विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता पर नजर रखने को प्रावधान किए जा रहे हैं। अंब्रेला एक्ट में आयोग की इस संबंध में गाइडलाइन के प्रावधान शामिल किए जाएंगे। जरूरत महसूस की गई तो राज्य स्तर पर भी उच्च शिक्षा आयोग या परिषद का गठन किया जाएगा, ताकि अंब्रेला एक्ट को सशक्त किया जा सके।


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