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UKSSSC Paper Leak : सरगना हाकम सिंह की जमानत खारिज, बचाव पक्ष की दलील - एसटीएफ ने झूठे केस में फंसाया

UKSSSC Paper Leak आरोपित ने अदालत में अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत के लिए प्रार्थनापत्र दिया था। पेपर लीक प्रकरण में न्यायालय चतुर्थ अपर सेशन न्यायाधीश धर्मेंद्र सिंह अधिकारी की अदालत ने हाकम सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Thu, 08 Dec 2022 09:14 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2022 09:14 AM (IST)
UKSSSC Paper Leak : सरगना हाकम सिंह की जमानत खारिज, बचाव पक्ष की दलील - एसटीएफ ने झूठे केस में फंसाया
UKSSSC Paper Leak : अदालत ने हाकम सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: UKSSSC Paper Leak : पेपर लीक प्रकरण में न्यायालय चतुर्थ अपर सेशन न्यायाधीश धर्मेंद्र सिंह अधिकारी की अदालत ने हाकम सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है। आरोपित ने अदालत में अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत के लिए प्रार्थनापत्र दिया था।

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बचाव पक्ष ने कोर्ट में कहा कि हाकम सिंह को एसटीएफ ने 13 अगस्त को गिरफ्तार किया था। वह अभी सुद्धोवाला जेल में है। एसटीएफ ने उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया है। उनसे जो बरामदगी दिखाई गई है, वह भी फर्जी है। आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया जा चुका है।

'हाकम सिंह के विरुद्ध कोई आपराधिक इतिहास नहीं है'

हाकम सिंह के विरुद्ध कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और ना ही वह सजायाफ्ता है। आरोपित जमानती देने को तैयार है। बचाव पक्ष ने दलील दी कि इसी मामले में अंकित रमोला व अन्य की जमानत हो चुकी है। ऐसे में हाकम को भी जमानत दी जाए। जमानत मिलने पर वह इसका दुरुपयोग नहीं करेगा।

दूसरी ओर शासकीय अधिवक्ता जेके जोशी ने जमानती पत्र का विरोध किया। उन्होंने कहा कि आरोपित के विरुद्ध गंभीर अपराध में मुकदमा दर्ज है। पुलिस जांच में आरोपित के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य एकत्र किए गए हैं।

आरोपित से परीक्षा में शामिल 16 अभ्यर्थियों से प्राप्त धनराशि के विवरण के दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। अभ्यर्थियों ने आरोपित के विरुद्ध बयान दिए हैं। आरोपित की काल डिटेल में परीक्षा से पूर्व कई अभ्यर्थियों से वार्तालाप करना पाया गया है।

शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि जिन सह आरोपितों को जमानत मिली है, उनका मामला आरोपित से अलग है। आरोपित के अपराध को गंभीरता से देखते हुए प्रार्थनापत्र खारिज किया जाए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने हाकम सिंह का जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया। इससे पहले भी हाकम सिंह की जमानत खारिज हो चुकी है।

नकली जमानती खड़ा करने में दो दोषियों की सजा बरकरार

वहीं कोर्ट में नकली जमानती खड़ा करने के एक मामले में अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश सुधीर कुमार सिंह की अदालत ने दो दोषियों की अपील खारिज करते हुए तीन-तीन साल की सजा बरकरार रखी है। इसके अलावा उन पर पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। दोषियों को 15 दिसंबर तक लोअर कोर्ट में सरेंडर करना होगा।

शासकीय अधिवक्ता राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि आरोपित वेद प्रकाश गुप्ता निवासी स्मिथनगर, प्रेमनगर ने एक केस में हरी प्रसाद निवासी स्मिथ नगर, प्रेमनगर को कोर्ट में फर्जी किशनलाल के रूप में खड़ा किया था। इस मामले में हरी प्रसाद व वेद प्रकाश के विरुद्ध शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था।

लोअर कोर्ट ने दोनों को वर्ष 2016 में तीन-तीन साल की सजा व पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी। इसके बाद दोषियों ने ऊपरी कोर्ट में अपील दायर कर दी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोषियों की अपील खारिज करते हुए सजा बरकरार रखी।

कुछ दिन पहले सीबीआइ से की थी शिकायत

इसी साल सितंबर महीने में वेद प्रकाश की शिकायत पर सीबीआइ ने कैंट बोर्ड के कार्यालय अधीक्षक शैलेंद्र शर्मा और लिपिक (कर) रमन अग्रवाल को 25 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। वेद प्रकाश ने शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपितों ने जमीन का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) करने के एवज में रिश्वत मांगी। सीबीआइ ने दोनों को ट्रैप किया था।


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