यूडीआइडी पर टूटी नींद, आई समन्वयक की याद
प्रदेश में अधर में लटकी केंद्र सरकारी की यूनिक डिसैबिलिटी आइडी योजना को लेकर आखिरकार विभाग हरकत में आ गया है। राज्य समन्वयक की नियुक्ति को शासन को पत् ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रदेश में अधर में लटकी केंद्र सरकारी की यूनिक डिसैबिलिटी आइडी योजना की आखिरकार विभाग ने सुध ले ही ली। विभाग को योजना समन्वयक नियुक्त करने की याद आ गई है। उत्तराखंड दिव्यांगजन कल्याण आयुक्त ने समन्वयक की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। समन्वयक की नियुक्ति होते ही दिव्यांगों की यूडीआइडी बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा। प्रदेश में अभी तक दिव्यांगों को यूडीआइडी जारी नहीं हो पा रही है, इसकी मुख्य वजह राज्य समन्वयक की नियुक्ति न होना है। वहीं, अन्य राज्यों में 40 से 60 फीसद दिव्यांगों की आइडी बनाई जा चुकी है। साफ है कि उत्तराखंड का प्रदर्शन अन्य राज्यों की तुलना में बेहद निराशाजनक है। कई विभागीय बैठकों में यूडीआइडी की समस्या भी उठती रही, लेकिन जिम्मेदारों ने आंखें मुंदे रखीं। अब जाकर जिम्मेदारों को योजना की याद आ रही है। इसके लिए उत्तराखंड दिव्यांगजन कल्याण आयुक्त की ओर से शासन को यूडीआइडी योजना के लिए राज्य समन्वयक की नियुक्ति के लिए लिखा गया है, जिसके बाद आवश्यक प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। उम्मीद है कि एक महीने के भीतर राज्य समन्वयक की नियुक्ति हो जाएगी। -------- यह है यूडीआइडी योजना यूडीआइडी योजना में दिव्यांगों को यूनिक आइडी दी जा रही है, जिससे उन्हें दिव्यांग प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, वोटर आइडी समेत अन्य पहचान पत्र बनाने की जरूरत नहीं होगी। जिलों में आइडी बनाने की जिम्मेदारी सीएमओ को सौंपी गई है। प्रदेश में योजना के संचालन का मुख्य जिम्मा राज्य समन्वयक का है। --------- सीएमओ योजना से अनभिज्ञ यूडीआइडी योजना को लेकर सीएमओ का रुख भी उदासीन रहा है। समाज कल्याण निदेशक विनोद गिरि गोस्वामी भी इसे लेकर चिंता जता चुके हैं। उन्होंने इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र भी भेजा था, जिसमें कहा था कि वह कई बार सीएमओ को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन सीएमओ ने योजना के बारे में अनभिज्ञता जताई है। --- 'राज्य समन्वयक की नियुक्ति न होने के कारण यूडीआइडी नहीं बन पा रही थी। शासन को नियुक्ति के संबंध में पत्र लिखा गया है, जिसके बाद प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। एक महीने के भीतर अच्छे परिणाम नजर आने लगेंगे। मेजर योगेंद्र यादव, आयुक्त, उत्तराखंड दिव्यांगजन कल्याण।'

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