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एम्स ऋषिकेश में डॉक्‍टरों की टीम ने दो साल के बच्चे की हार्ट सर्जरी कर दिया नया जीवन

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के हृदय रोग शिशु शल्य चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों ने दो साल के बच्चे के दिल का सफल ऑपरेशन किया है। शल्य चिकित्सा के बाद बच्चा पूरी तरह से खतरे से बाहर है और उसके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है।

By Edited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 06:44 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 03:49 PM (IST)
एम्स ऋषिकेश में डॉक्‍टरों की टीम ने दो साल के बच्चे की हार्ट सर्जरी कर दिया नया जीवन
एम्स ऋषिकेश में चिकित्सकों ने दो साल के बच्चे के दिल का सफल ऑपरेशन किया है

ऋषिकेश, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के हृदय रोग शिशु शल्य चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों ने दो साल के बच्चे के दिल का सफल ऑपरेशन किया है। शल्य चिकित्सा के बाद बच्चा पूरी तरह से खतरे से बाहर है और उसके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है।

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पीडियाट्रिक कॉर्डियो थोरेसिक सर्जन डॉ. अनीष गुप्ता ने बताया कि ऊधमसिंह नगर निवासी एक दो साल के बच्चा वेंट्रिकुलर सैप्टल डिफेक्ट (वीएसडी) दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित था। लॉकडाउन के कारण उपचार में विलंब होने से उसके फेफड़ों में प्रेशर बढ़ गया था। पीडियाट्रिक कॉर्डियोलॉजी की प्रोफेसर भानु दुग्गल व डॉ. यश श्रीवास्तव ने उसकी एंजियोग्राफी की तो पता चला कि बच्चे की सर्जरी हाई रिस्क है। मगर, पीडियाट्रिक कॉर्डियो थोरेसिक सर्जन ने सूझबूझ से उसके जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस कार्य में संस्थान के कॉर्डियो एनेस्थिसिया के प्रो. अजय मिश्रा, सीटीवीएस विभाग के डॉ. अंशुमन दरबारी व डॉ. राहुल व नर्सिंग विभाग के केशव कुमार, गौरव कुमार, परफ्यूजनिस्ट तुहिन सुब्रा व सब्री नाथन आदि टीम में शामिल थे। 

डॉ. अनीष ने बताया कि चार घंटे चली इस सर्जरी में टीम को सफलता मिली है, जिसके बाद बच्चे को दो दिनों तक आइसीयू में रखा गया। उन्होंने बताया कि अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। 

क्या हैं वीएसडी नामक इस बीमारी के लक्षण 

चिकित्सकों के अनुसार वीएसडी दिल में छेद की बीमारी बच्चों में जन्म से ही होती है। बच्चों में इस बीमारी के लक्षण पैदा होने के पहले दो-तीन महीनों में ही आने लगते हैं। इस बीमारी से ग्रसित बच्चों में पैदा होने के बाद से ही निमोनिया, खांसी, जुकाम, बुखार, वजन का न बढ़ना, छोटे बच्चे को दूध पीने में कठिनाई होना, माथे पर पसीना आना व बच्चे के बड़े होने पर खेलने कूदने में थकान महसूस करना व सांस फूलना आदि लक्षण पाए जाते हैं।

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चिकित्सकीय टीम को दी बधाई 

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने सफलतापूर्वक जटिल सर्जरी को अंजाम देने वाली चिकित्सकीय टीम की सराहना की। उन्होंने बताया कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के इस दौर में हमें कोविड-19 से ग्रसित मरीजों के उपचार के साथ साथ दूसरी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की भी पूरी चिंता है। उन्होंने बताया कि एम्स में कोरोना काल में भी इमरजेंसी व पीडियाट्रिक हार्ट सर्जरी जारी रहेंगी।

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