दो साल पुराना क्षतिग्रस्त बीरपुर पुल बनकर तैयार, जल्द होगा आवागमन
दिसंबर 2018 में क्षतिग्रस्त हुए 115 साल पुराने ब्रिटिशकालीन पुल की जगह नया पुल तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री जल्द इसका लोकार्पण करेंगे।
देहरादून, जेएनएन। दिसंबर 2018 में क्षतिग्रस्त हुए 115 साल पुराने ब्रिटिशकालीन पुल की जगह नया पुल तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री जल्द इसका लोकार्पण करेंगे। शनिवार को मसूरी विधायक गणोश जोशी ने लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिकारियों के साथ पुल का निरीक्षण किया। कोरोना के संकटकाल में भी काम को प्राथमिकता के साथ पूरा करने पर उन्होंने अधिकारियों की पीठ भी थपथपाई।
गढ़ी कैंट क्षेत्र के बीरपुर पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद इससे जुड़े करीब एक दर्जन इलाकों की आवाजाही थम गई थी, हालांकि कुछ समय बाद इसके बगल में ही लोनिवि ने एक वैली ब्रिज बना दिया था, मगर यह सिर्फ हल्के वाहनों के लिए था। अब जल्द नए पुल के लोकार्पण के बाद यहां से भारी वाहन भी गुजर सकेंगे। लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता जेएस चौहान ने बताया कि पुल पर ब्लैक-टॉप का काम शेष है। तीन-चार दिन में यह काम पूरा कर दिया जाएगा। नया पुल ए-क्लास श्रेणी (भार वहन करने के मुताबिक) है, जबकि पुराना पुल बी-क्लास का था।
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इन क्षेत्रों की राह होगी आसान
बिलासपुर कांडली, जंतनवाला, नागनाथ, चांदमारी, बाणगंगा, जामुनवाला, बाजावाला, डाकरा, गढ़ी कैंट, एफआरआइ, सेना के कैंप तक जाने वाले लोग।
पुल पर एक नजर
- कुल बजट: 2.37 करोड़ 58 हजार रुपये, निर्माण कार्य शुरू: मार्च 2019 में
- लंबाई: 32 मीटर, चौड़ाई: डबल लेन
डोबरा-चांठी पुल का काम लगभग पूरा
टिहरी जिले में बनने वाले डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज (झूला पुल) का काम तकरीबन पूरा हो चुका है। इस पुल के बनने से ढाई लाख की आबादी की मुश्किलें कम हो जाएंगी। पुल के बनने से पहले जहां प्रतापनगर के लोगों को नई टिहरी बाजार पहुंचने में करीब पांच घंटे लगते थे, पुल बनने के बाद यह समय घटकर सिर्फ डेढ़ घंटे रह जाएगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा की स्थिति में भी सुधार होगा।