आतंकियों के साथ मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो जवान भी शहीद, मुख्यमंत्री ने उनकी शहादत को किया नमन
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में घुसपैठियों के मंसूबों को नाकाम करते हुए उत्तराखंड के दो वीर जवान भी शहीद हो गए। दोनों जवान उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और पौड़ी जिले के हैं।
देहरादून, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में घुसपैठियों के मंसूबों को नाकाम करते हुए उत्तराखंड के दो वीर जवान भी शहीद हो गए। दोनों जवान उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और पौड़ी जिले के हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीद हुए जवानों की आत्मा की शांति व परिजनों को संबल प्रदान करने की कामना की है। उन्होंने कहा कि सरकार शहीदों के परिजनों के साथ हर समय खड़ी है।
एक खास मिशन पर जा रहा हूं
‘एक खास मिशन पर जा रहा हूं, उसे पूरा करने के बाद तुमसे बात करूंगा।’ बीती तीन अप्रैल को हवलदार देवेंद्र सिंह राणा (39 वर्ष) ने फोन पर यह बात पत्नी विनीता से तब कही थी, जब वे आतंकवादियों से लोहा लेने के लिए कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर की ओर रवाना हो रहे थे। लेकिन, नियति को कुछ और ही मंजूर था। मिशन पूरा हुआ और पांच आतंकवादी ढेर कर दिए गए, लेकिन देवेंद्र को भी देश के लिए शहादत देनी पड़ी। यह खबर सुनकर पत्नी विनीता बेसुध है। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा कि पति अब इस दुनिया में नहीं हैं। वह अभी भी पति के फोन का इंतजार कर रही हैं।
रविवार को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में सेना की 4-पैरा स्पेशल फोर्स के कमांडो दस्ते ने पांच आतंकवादियों को ढेर कर दिया। लेकिन, इस मुठभेड़ में रुद्रप्रयाग जिले की बसुकेदार तहसील के ग्राम तिनसोली निवासी हवलदार देवेंद्र सिंह राणा चार समेत अन्य अधिकारियों को भी शहादत देनी पड़ी। शहीद देवेंद्र का परिवार देहरादून जिले के छिद्दरवाला में किराये के मकान पर रहता है। उनकी बेटी आंचल (14) व बेटा आयुष (12) केंद्रीय विद्यालय रायवाला में पढ़ रहे हैं। जबकि, पिता भूपाल सिंह राणा, मां कुंवरी देवी व छोटा भाई गांव में ही रहते हैं। देवेंद्र बीते वर्ष नवंबर-दिसंबर में छुट्टी पर छिद्दरवाला आए थे। तिनसोली की प्रधान मीना थपलियाल ने बताया कि शहीद की पार्थिव देह मंगलवार को तिनसोली लाई जाएगी। भीरी स्थित पैत्रिक घाट पर उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। बताया कि शहीद की पत्नी व बच्चे को सेना के वाहन से गांव पहुंच गए हैं।
जरूरी मिशन पर जा रहा हूं, लौटकर करूंगा बात
रविवार को आतंकी मुठभेड़ में बेटे की शहादत की सूचना के बाद से राइफलमैन अमित कुमार अणथ्वाल के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद की पार्थिव देह मंगलवार को गांव लाई जाएगी। पैतृक घाट पर उन्हें सैन्य सम्मान से अंतिम विदाई दी जाएगी।
पौड़ी जिले के कल्जीखाल ब्लॉक स्थित ग्राम क्वाला निवासी अमित कुमार अणथ्वाल (31) नौ दिसंबर 2011 को गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह 4-पैरा स्पेशल फोर्स कार्यरत थे और उनकी तैनाती कुपवाड़ा क्षेत्र में थी। रविवार को केरन सेक्टर में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में उनकी फोर्स ने पांच आतंकवादियों को ढेर कर दिया। इस ऑपरेशन में अमित के अलावा चार अन्य अधिकारी भी शहीद हो गए। रात में अमित की शहादत की सूचना उनके स्वजनों को मिली। अमित के पिता नागेंद्र प्रसाद ने बताया कि कुछ समय पूर्व ही अमित की सगाई हुई थी और आगामी 25 अक्टूबर को उनका विवाह तय था। वह दो बहनों के इकलौते भाई थे। दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। बताया कि अमित देश की सुरक्षा में चलाए गए महत्वपूर्ण अभियानों का भी हिस्सा रहे। उधर, गो सेवा आयोग के उपाध्यक्ष पं.राजेंद्र अणथ्वाल ने अमित की शहादत पर गहरा शोक जताते हुए कि एक ओर पूरी दुनिया कोरोना संक्रमण से जूझ रही है, वहीं पाकिस्तान अपनी ओछी हरकतों से बाज नहीं आ रहा।
सप्ताहभर पूर्व हुआ था दादी का निधन
अमित की दादी की चिता की राख अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि नियति ने नागेंद्र प्रसाद से उनका इकलौता पुत्र भी छीन लिया। किसानी कर बेटे को देश सेवा के लिए भेजने वाले नागेंद्र प्रसाद ने देहरादून के भाऊवाला में भी मकान बनाया है।
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मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में घुसपैठियों के मंसूबों को नाकाम करते हुए उत्तराखंड के दो जवानों देवेंद्र सिंह (रुद्रप्रयाग) और अमित कुमार (पौड़ी गढ़वाल) की शहादत को नमन करते हुए ईश्वर से शहीदों की आत्मा की शांति व परिजनों को संबल प्रदान करने की कामना की है। उन्होंने कहा कि सरकार शहीदों के स्वजनों के साथ हर समय खड़ी है।
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