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मिशन महाव्रत में महिला दारोगा समेत दो और सस्पेंड

शुक्रवार को मिशन महाव्रत आंदोलन को हवा देने के आरोप में महिला दारोगा समेत दो का निलंबन कर दिया गया। इसके अलावा 12 सिपाहियों को चिह्नित उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 05 Jan 2018 09:43 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jan 2018 10:53 PM (IST)
मिशन महाव्रत में महिला दारोगा समेत दो और सस्पेंड
मिशन महाव्रत में महिला दारोगा समेत दो और सस्पेंड

देहरादून, [जेएनएन]: पुलिस महकमे के भीतर शुरू हुए मिशन महाव्रत को लेकर सरकार व शासन गंभीर हो गया है। सरकार ने साफ किया है कि वह कर्मचारियों के हितों के लिए गंभीर है। इसके लिए सबको सहयोग के साथ काम करना होगा। शासन ने इस मसले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस मुख्यालय से साफ कहा है कि कोई भी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं, शुक्रवार को आंदोलन को हवा देने के आरोप में महिला दारोगा समेत दो का निलंबन कर दिया गया। इसके अलावा 12 सिपाहियों को चिह्नित उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। साथ ही, सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को सम्मेलन कर अनुशासन बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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पुलिस महकमे में वेतन विसंगति समेत अन्य मांगों को लेकर शुक्रवार से मिशन महाव्रत आंदोलन की चेतावनी दी गई थी। इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय को भी एक गुमनाम पत्र प्रेषित किया गया। इसके साथ ही पुलिस कर्मियों को मिशन महाव्रत से जोडऩे की कवायद चल रही थी। चमोली जिले में दो सिपाहियों ने सबसे पहले मिशन महाव्रत की कमान संभाली और व्हाट्सएप ग्रुप बनाए। 

इसकी भनक एलआइयू को लगी और दोनों सिपाहियों की इस गतिविधि की रिपोर्ट एसपी को सौंपी गई। इस पर गत रोज दोनों सिपाही निलंबित कर दिए गए। इसके साथ ही पुलिस मुख्यालय ने प्रदेशभर में सर्कुलर जारी करते हुए फोर्स को अनुशासन में रहने तथा जिला प्रभारियों को सम्मेलन आयोजित कर पुलिस कर्मियों को समझाने के निर्देश दिए। शुक्रवार को यह बात सामने आई कि टिहरी के घनसाली में तैनात एक महिला दारोगा ने अपने मोबाइल से मिशन महाव्रत के मैसेज को कई ग्रुप में फॉरवर्ड कर दिया। रिपोर्ट मिलने पर एसएसपी टिहरी विमला गुंज्याल ने महिला दारोगा को तत्काल निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए। 

इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को दी गई है। इसके अलावा अल्मोड़ा में भी एक सिपाही ने ऐसे ही मैसेज को सोशल मीडिया में प्रसारित किया। इस सिपाही को भी निलंबित कर दिया गया है। इस मिशन से जुड़े 12 लोगों को भी चिह्नित कर लिया गया है और उन पर नजर रखी जा रही है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि पुलिस बल को बात कहने का हक है मगर ये बातें संतुलित तरीके से आ सकती हैं। जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है वह गलत है। पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि पुलिस कर्मियों की बातें गंभीरता से सुनें ताकि भविष्य में इस प्रकार की नौबत न आए। 

सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने इस संबंध में कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से जो चीजें आती हैं सरकार उस पर विचार करती है। उन्होंने कहा कि सरकार को अभी नौ महीने ही हुए हैं। इस दौरान कर्मचारियों व राज्य हित में गंभीरता से आगे बढ़ रही है। कर्मचारियों की मांगों पर गंभीरता से लेकर राज्य हित में निर्णय लिया जाएगा। प्रमुख सचिव गृह आनंद वद्र्धन का कहना है कि शासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अनुशासनहीनता बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

शासन स्तर से भी पूरे प्रकरण पर नजर रखी जा रही है। अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि पुलिस कर्मियों की सभी मांगें पूरी कर ली गई हैं। अनुशासित फोर्स में आंदोलन की कतई छूट नहीं दी जाएगी। निलंबन के बाद ऐसे सिपाहियों को बर्खास्ती की कार्रवाई झेलनी पड़ेगी। पूरे प्रदर्शन में ऐसे शरारती तत्वों पर नजर रखने और रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। 

2015 बैच की महिला दारोगा 

टिहरी के घनसाली में मैसेज फॉरवर्ड करने वाली दारोगा 2015 बैच की है। अभी महिला दारोगा अंडर ट्रेनिंग ही काम कर रही है। दारोगा की इस हरकत से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। खासकर नई भर्ती महिला दारोगा और सिपाहियों को विशेष रूप से समझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। 

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