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उत्तराखंड में मानसून के साथ ही डेंगू का डंक भी गहराया, अलर्ट जारी

मानसून के रफ्तार पकड़ने के साथ ही डेंगू का डंक भी गहराने लगा है। जनपद देहरादून में दो और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। अब तक चार मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 09 Jul 2019 12:34 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jul 2019 12:34 PM (IST)
उत्तराखंड में मानसून के साथ ही डेंगू का डंक भी गहराया, अलर्ट जारी
उत्तराखंड में मानसून के साथ ही डेंगू का डंक भी गहराया, अलर्ट जारी

देहरादून, जेएनएन। मानसून के रफ्तार पकड़ने के साथ ही डेंगू का डंक भी गहराने लगा है। जनपद देहरादून में दो और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। अब तक चार मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।  

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डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों को अलर्ट जारी किया गया है। किसी भी मरीज में डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत इसकी सूचना जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय को देने को कहा है। इसके अलावा अस्पतालों को डेंगू के मरीजों के लिए अलग वार्ड तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं। 

सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि रानीपोखरी के भोगपुर के एक 20 साल के युवक, रायपुर की 37 वर्षीय महिला मरीज में एलाइजा जांच के बाद डेंगू की पुष्टि हुई है। बताया कि युवक विगत दिनों दिल्ली से आया था, वहीं उसे मच्छर ने काटा और उसे बुखार हुआ। वह हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में भर्ती है और उसकी हालत में सुधार है। वहीं, रायपुर की महिला का दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार चल रहा है। उसने ओपीडी में दिखाया था, तभी उसमें लक्षण दिखाई दिए। 

बता दें कि 29 जून को टिहरी एवं हरिद्वार के दो मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई थी। इनका हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में उपचार किया गया था। हालांकि अब वह ठीक होकर घर जा चुके हैं। 

दून अस्पताल में छह बेड का वार्ड 

डेंगू से निपटने को दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अलग से वार्ड तैयार किया गया है। अस्पताल में 6 बेड का वार्ड बनाया गया है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि अभी सिर्फ 6 बेड ही आरक्षित रखे गए हैं। जैसे-जैसे मरीज बढ़ेंगे, वैसे-वैसे बेड बढ़ाए जाएंगे। 

फिलहाल डेंगू से निपटने को जरूरी इंतजाम किए गए हैं। यह प्रयास है कि अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की कमी न होने पाए। तीमारदार को इसके लिए अस्पताल से बाहर न जाना पड़े। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह स्वैच्छिक रक्तदान को आगे आएं। ताकि किसी जरूरतमंद व्यक्ति को प्लेटलेट्स आदि के लिए दिक्कत न उठानी पड़े।

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