ज्ञान कुंभ: उच्च शिक्षा के राष्ट्रीय स्वरूप पर देवभूमि में मंथन, जुटेंगे 5000 महानुभाव
त्रिवेंद्र रावत सरकार की पहल पर हरिद्वार में आयोजित किए जा रहे दो दिनी ज्ञान कुंभ में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत तकरीबन 5000 शिक्षाविद और शोधार्थी शिरकत करेंगे।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: देश में उच्च शिक्षा का स्वरूप कैसा हो, शिक्षा की गुणवत्ता और उसमें सुधार की जरूरत और चुनौतियों पर मंथन करने का बीड़ा देवभूमि उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने उठाया है। राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के चिंतन के लिए त्रिवेंद्र रावत सरकार की पहल पर हरिद्वार में आयोजित किए जा रहे दो दिनी ज्ञान कुंभ में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ सत्यपाल सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही 18 राज्यों के उच्च शिक्षा मंत्री व सचिव, 131 विश्वविद्यालय के कुलपति समेत तकरीबन 5000 शिक्षाविद और शोधार्थी शिरकत करेंगे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन नवंबर को ज्ञान कुंभ का उद्घाटन करेंगे। गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में एक प्रेस कान्फ्रेंसमें हरिद्वार में पतंजलि विश्वविद्यालय में तीन नवंबर से होने जा रहे ज्ञान कुंभ की रूपरेखा की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से ही देश में सरकारों ने शिक्षा के जरिये आम आदमी का जीवन स्तर सुधारने, कौशल विकास, सम्मानपूर्वक जीवनयापन व विज्ञान प्रसार व सामाजिक-आर्थिक उन्नयन को शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव किए, लेकिन उच्च शिक्षा की गुणवत्ता विश्वविद्यालयों और शिक्षाविदों के लिए विचारणीय प्रश्न है।
ज्ञान कुंभ के माध्यम से राष्ट्रपति से लेकर अन्य राज्यों के उच्च शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, कुलपति, आचार्य, शिक्षाविद, शिक्षा जगत से जुड़े प्रशासनिक अधिकारी एवं छात्र एक मंच पर आकर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के विषय पर निष्कर्ष पर पहुंचने का प्रयास करेंगे। तीन नवंबर को ज्ञान कुंभ के उद्घाटन सत्र में उत्तराखंड व नगालैंड के राज्यपाल, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री व राज्यमंत्री, शिरकत करेंगी।
ज्ञान कुंभ में पांच तकनीकी सत्र
उन्होंने बताया कि उद्घाटन व समापन सत्र के अतिरिक्त ज्ञान कुंभ में कुल पांच तकनीकी सत्र होंगे। पहला तकनीकी सत्र 'भारत में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सरकारी प्रयास है' विषय पर तीन नवंबर को दोपहर दो बजे से होगा। इस सत्र की अध्यक्षता मुख्यमंत्री खुद करेंगे। सह अध्यक्ष उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत एवं शांतिकुंज के परमाध्यक्ष डॉ प्रणव पंड्या रहेंगे। इस सत्र के मुख्य वक्ता केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर हैं। दूसरा सत्र चार नवंबर को सुबह नौ बजे से दस बजे 'उच्च शिक्षा एवं भारतीय ज्ञान परंपरा' विषय पर आयोजित किया जाएगा। सत्र की अध्यक्षता आचार्य बालकृष्ण, सह अध्यक्ष संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पीके दीक्षित व कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डीके नौरियाल बनाए गए हैं। इस सत्र के मुख्य वक्ता स्वामी रामदेव रहेंगे। तीसरे सत्र का विषय उच्च शिक्षा में नीतियों के निर्माण व कार्यान्वयन विषय रखा गया है। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ सत्यपाल सिंह करेंगे। विभिन्न राज्यों के उच्च शिक्षा सचिव इसमें अपने विचार रखेंगे।
शिक्षाविद रखेंगे विचार
चौथे सत्र में नवोन्मेषी शोध एवं गुणवत्ता सुधार विषय पर मंथन किया जाएगा। इसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो डीपी सिंह करेंगे। सह अध्यक्ष श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय उत्तराखंड के कुलपति डॉ यूएस रावत व दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो चंद्रशेखर नौटियाल होंगे। इस सत्र में केंद्रीय संस्थानों के निदेशक व विभिन्न संस्थानों के शिक्षाविद विचार रखेंगे। पांचवां व अंतिम सत्र उच्च शिक्षा की चुनौतियां एवं कौशल विकास विषय पर केंद्रित होगा। इसकी अध्यक्षता हेमवतीनंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एसपी सिंह करेंगे। सह अध्यक्ष उत्तराखंड आवासीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एचएस धामी एवं रूसा के सलाहकार प्रो एमएसएम रावत होंगे। समापन सत्र के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे। पत्रकारवार्ता में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत, ज्ञान कुंभ के संयोजक डॉ यूएस रावत व कार्यक्रम के मीडिया समन्वयक डॉ देवेंद्र भसीन उपस्थित थे।
दो दिनी ज्ञान कुंभ में ये विशिष्ट हस्तियां होंगे शामिल:
- विशिष्ट हस्तियां-----------------------संख्या
- अन्य राज्यों के उच्च शिक्षामंत्री--------18
- राज्य सरकार के मंत्री--------------------09
- अन्य राज्यों के उच्च शिक्षा सचिव-----07
- विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति--131
- राज्य सरकार के सचिव-अधिकारी-------85
- डिग्री कॉलेज प्राचार्य-शिक्षक------------150
- विश्वविद्यालय शिक्षक व छात्र---------- 94
- राज्य महाविद्यालयों के छात्र----------- 417
- निजी कॉलेजों के शिक्षक-छात्र-------- 3485
- आमंत्रित शिक्षाविद व अतिथि----------200
- स्ववित्तपोषित संस्थानों के निदेशक---109
- आयोजन समिति सदस्य---------------200
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