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बजट सत्र: विपक्ष की गैर मौजूदगी में दो विधेयक पारित, भाजपा विधायकों ने दिया धरना

उत्‍तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विपक्ष की गैरमौजूदगी में दो विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिए गए।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 09:58 AM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 09:58 AM (IST)
बजट सत्र: विपक्ष की गैर मौजूदगी में दो विधेयक पारित, भाजपा विधायकों ने दिया धरना
बजट सत्र: विपक्ष की गैर मौजूदगी में दो विधेयक पारित, भाजपा विधायकों ने दिया धरना

देहरादून, राज्य ब्यूरो। विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विपक्ष की गैरमौजूदगी में दो विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिए गए। इनमें उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (संशोधन) और हिमालयी विश्वविद्यालय विधेयक शामिल हैं। ये मंगलवार को सदन में पेश हुए थे। गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के मसले को लेकर विपक्षी कांग्रेस विधायकों द्वारा हंगामे के बाद सदन से वाकआउट कर दिया गया था। इसके बाद सदन की कार्यवाही विपक्ष की गैरमौजूदगी में चली। इसी दौरान संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने आर्थिक सर्वेक्षण को सदन के पटल पर रखा। इसके बाद मंगलवार को पेश हुए दोनों विधेयकों को चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। इससे पहले विधायक चंदनरामदास, सुरेंद्र नेगी व देशराज कर्णवाल के विशेषाधिकार की अवहेलना से संबंधित प्रश्नों को पीठ ने अस्वीकार कर दिया। इसके अलावा विधायक धन सिंह नेगी, राम सिंह कैड़ा की ओर से विभिन्न विषयों पर याचिकाएं प्रस्तुत की गई।

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डॉक्टरों की तैनाती को लेकर सरकार गंभीर

विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने टिहरी जिले में विश्व बैंक परियोजना के तहत बने जिला अस्पताल बौराड़ी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवप्रयाग व बेलेश्वर से डॉक्टरों के स्थानांतरण का मसला उठाते हुए इस पर नियम 58 में चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि डॉक्टर न होने के कारण क्षेत्र के लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों में भी उपचार के लिए देहरादून, ऋषिकेश की दौड़ लगानी पड़ रही है। इससे क्षेत्रवासियों में आक्रोश है। संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि इन अस्पताल भवनों का हस्तांतरण स्वास्थ्य विभाग को हुआ है। इनमें कार्यरत 22 चिकित्सक अब स्वास्थ्य विभाग की समिति के अंतर्गत लिए गए हैं। ऐसे में जब ये बात सामने आई कि इनके तबादले से व्यवस्था चरमरा सकती है तो एक जनवरी को निर्देश जारी किए गए कि स्थानांतरण न किए जाएं। लिहाजा, कोई ट्रांसफर नहीं हुआ है।

ममता और देशराज में नोकझोंक 

सुबह सदन की कार्यवाही होते ही जब कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू किया तो उस दौरान कांग्रेस विधायक ममता राकेश और भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल के मध्य नोकझोंक हो गई। विधायक देशराज का कहना था कि गन्ना किसानों की समस्या को लेकर प्रश्न लगे हैं। आप क्यों नहीं लगाते। इसी बात पर दोनों हल्की बहस भी हुई।

भाजपा विधायकों ने जताई क्षेत्रीय असंतुलन पर चिंता

राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए भाजपा विधायकों ने जहां एक ओर सरकार के कामकाज की तारीफ की तो वहीं सदन में पेश की गई आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में दर्शाए गए आर्थिक असंतुलन पर भी चिंता जताई। भाजपा विधायकों ने इस दौरान सरकार का ध्यान पर्वतीय जिलों की समस्याओं की ओर आकर्षित करते हुए इनके शीघ्र निस्तारण की अपेक्षा की। बुधवार को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में राज्य के विकास को नई दिशा देने का काम किया गया है। 

इसमें पलायन रोकने के लिए सरकार की गंभीरता नजर आती है। सरकार को शाबासी देने के साथ ही उन्होंने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के कुछ पहलुओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में इंगित क्षेत्रीय असंतुलन खतरे की घंटी है। हरिद्वार में जहां प्रति व्यक्ति आय 2.5 लाख रुपये है वहीं, रुद्रप्रयाग में यह केवल 83.52 हजार है। यह बढ़ता अंतर चिंताजनक है। इसी तरह ऋण जमा अनुपात का अंतर चिंता पैदा करता है। विधायक महेंद्र भट्ट ने कहा कि ऑल वेदर रोड में जिस तरह काम हो रहा है उससे अगले वर्ष चारधाम यात्रा में इस वर्ष की तुलना में दोगुना यात्री आएंगे, जिससे स्थानीय निवासियों के कारोबार में वृद्धि होगी। उन्होंने मांग की कि जिन गांवों में अभी तक सड़क न पहुंची हो वहां विद्यालयों को बंद न किया जाए। 

इसके साथ ही अटल खाद्यान्न योजना पर उन्होंने असंतोष जताया। उन्होंने प्रदेश की बंद पड़ी जल विद्युत परियोजनाओं को भी खोलने की वकालत की। जिन खेतों में रेता बजरी आई है वहां उठान की अनुमति देने की भी पैरवी की। विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं की तारीफ की। उन्होंने कहा कि खेलों में युवा प्रतिभाओं को निखारने के लिए भारोत्तोलन, डाइविंग व जिमनास्टिक जैसे खेलों की तरफ भी ध्यान देना होगा। विधायक दिलीप रावत व मीना गंगोला ने धन्यवाद भाषण के प्रस्ताव पर सरकार के कार्यो को प्रदेश के विकास में गति देने वाला बताया। 

जंगली जानवरों के कारण कृषि क्षेत्र की कमी का हो आर्थिक सर्वेक्षण विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के साढ़े आठ जिले पर्वतीय क्षेत्र में आते हैं। सरकार ने यहां कृषि को बढ़ावा देने की नीति बनाई है। बंदर व सूअर से खेती को खासा नुकसान हो रहा है। एक सर्वेक्षण होना चाहिए कि इनकी वजह से कितना कृषि क्षेत्र कम हुआ है। पर्वतीय क्षेत्रों के लिए इस तरह के प्रावधान होना चाहिए कि कृषक दोबारा खेती की ओर आकृषित हों और पलायन रुक सके। उन्होंने गैरसैंण में जल्द मिनी सचिवालय खोलने व मुख्यमंत्री का एक कैंप कार्यालय स्थापित करने के साथ ही विधानसभा के लिए भूमि देने वाले गांवों को सड़क से जोड़ने का अनुरोध किया। 

आपदा से हुए नुकसान के काम शुरू हों विधायक मुन्नी देवी ने सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यो की तारीफ तो की लेकिन साथ ही क्षेत्रीय जनता में आपदा से क्षतिग्रस्त हुए निर्माण कार्यो के शुरू न होने पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि थराली में बीते वर्ष आई आपदा के दौरान खेत, पुल व सड़क आदि बह गए थे लेकिन वहां अभी तक काम शुरू नहीं हुआ। उन्होंने चुनाव से पहले काम शुरू न कराए जाने की सूरत में इसका असर पड़ने की शंका भी जताई। युवाओं का बाहर जाना चिंताजनक विधायक विनोद चमोली ने कहा कि प्रदेश में सुविधाओं के अभाव और आपदा के कारण पलायन हो रहा है। जो रोजगार मेले लग रहे हैं वहां बाहर की कंपनियां युवाओं को रोजगार देने आ रही हैं। 

ऐसे ही एक मेले में 300 युवाओं को रोजगार तो मिला लेकिन प्रदेश से बाहर। नतीजतन कुछ ही समय में इनके परिवार भी प्रदेश से पलायन कर गए। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन्वेस्टर्स समिट के बाद प्रदेश में लगने वाले उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगी और पलायन रुकेगा। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मजबूत आधारभूत ढांचा बनाने की भी पैरवी की। बनें सामूहिक विवाह केंद्र विधायक केदार सिंह रावत ने पहाड़ी क्षेत्रों की प्रत्येक न्याय पंचायत में सामूहिक विवाह केंद्र बनाने का पैरवी की। उन्होंने कहा कि सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में विकास की कई अच्छी योजनाएं बनाई हैं।

भाजपा विधायकों ने दिया धरना, लाए निंदा प्रस्ताव

विधानसभा में बजट सत्र के दौरान बुधवार को किसानो के संबंध में उठाए गए प्रश्नों के बावजूद प्रश्नकाल न चलने देने से नाराज हरिद्वार से भाजपा के तीन विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के कक्ष के बाहर धरना दिया। दोपहर बाद सदन में वह इसी मामले में कांग्रेस विधायकों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी लेकर आए, हालांकि संसदीय कार्यमंत्री के कहने पर उन्होंने प्रस्ताव वापस ले लिया। बुधवार को सदन में प्रश्नकाल के दौरान शुरू में ही गन्ना किसानों के भुगतान व उनकी समस्याओं को लेकर भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और देशराज कर्णवाल के अल्पसूचित प्रश्न लगे हुए थे। कांग्रेस विधायकों द्वारा गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर विस्तृत चर्चा की मांग को लेकर हंगामा किया गया। इसके कारण प्रश्नकाल स्थगित करना पड़ा। 

इससे नाराज भाजपा विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन, देशराज कर्णवाल और संजय गुप्ता नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के कमरे के बाहर धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि उन्होंने किसानों के संबंध में अहम प्रश्न लगाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, उप नेता प्रतिपक्ष करण माहरा व ममता राकेश से प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया गया लेकिन विपक्ष ने जानबूझ कर सदन नहीं चलने दिया। विधायकों के धरने की खबर पर डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान ने उनसे धरना समाप्त करने का संदेश भिजवाया, जिसके बाद उन्होंने अपना धरना समाप्त किया। 

भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही तीनों विधायकों ने सदन में निंदा प्रस्ताव पारित करने का अनुरोध किया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि सदस्यों की अपनी पीड़ा है। उनकी भावनाओं से सदन वाकिफ है। निंदा प्रस्ताव विशेष परिस्थितियों में आता है, इसलिए सदस्य इस प्रस्ताव को न लाएं। संसदीय कार्यमंत्री के आग्रह पर भाजपा विधायकों ने प्रस्ताव वापस ले लिया।

जहरीली शराब प्रकरण पर विधानसभा की समिति गठित

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने हरिद्वार जिले की रुड़की तहसील में जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों के प्रकरण की जांच के लिए विधानसभा की सात सदस्यीय समिति का गठन किया है। विधायक खजानदास की अध्यक्षता में गठित यह समिति मौजूदा बजट सत्र के समाप्त होने से पहले सदन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। हरिद्वार व सहारनपुर जिलों में जहरीली शराब पीने से सौ से अधिक लोगों की मृत्यु का मामला उत्तराखंड विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में गूंजा। बीते रोज हुए हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित करने की बात कही थी। इसके साथ ही सरकार को इस मामले में प्रभावी प्रावधान बनाने के भी निर्देश दिए थे।

 बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष ने इस जांच समिति में शामिल सदस्यों के नामों की घोषणा कर दी। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने सदन में जानकारी देते हुए बताया कि विधायक खजानदास की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इसमें विधायक ज्वालापुर सुरेश राठौर, विधायक झबरेड़ा देशराज कर्णवाल, विधायक भगवानपुर ममता राकेश, विधायक घनसाली शक्तिलाल शाह, विधायक पुरोला राजकुमार और विधायक पौड़ी मुकेश कोली को शामिल किया गया है। यह समिति मौका मुआयना करने के साथ ही पीड़ितों से बातचीत कर सत्र की समाप्ति से पहले सदन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

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