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फर्जी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट मामले में हेल्थ सेक्टर से जुड़े दो लोग गिरफ्तार, ऐसे दिया घटना को अंजाम

फर्जी आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट तैयार करने के मामले में मुनीकीरेती पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया। दोनों अलग-अलग मेडिकल लैब से जुड़े हुए हैं। दरअसल विगत दिनों टिहरी जनपद की सीमा पर तपोवन में बनाई गई चेक पोस्ट पर एक ही लैब की अलग-अलग कोविड आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट मिली।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 05 Jun 2021 03:46 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jun 2021 03:46 PM (IST)
फर्जी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट मामले में हेल्थ सेक्टर से जुड़े दो लोग गिरफ्तार, ऐसे दिया घटना को अंजाम
फर्जी आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट तैयार करने वाले दो गिरफ्तार।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। टिहरी गढ़वाल की सीमा पर फर्जी आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट बनाने के मामले में पुलिस ने हेल्थ सेक्टर से जुड़े एक युवक और एक युवती को गिरफ्तार किया है। इनके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस ने इनके इस धंधे में शामिल अन्य साथियों की भी पड़ताल शुरू कर दी है।

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थाना मुनिकीरेती क्षेत्र में कुछ व्यक्तियों के फर्जी आरटी पीसीआर रिपोर्ट के आधार पर जनपद की सीमा में प्रवेश करने की सूचना प्राप्त हो रही थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए बीते शुक्रवार को थाना मुनिकीरेती स्थित ढालवाला चेकिंग बैरियर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने छापामारी की। इस दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक टिहरी गढ़वाल तृप्ति भट्ट के निर्देश पर मुनिकीरेती पुलिस ने वहां पर दिल्ली से आने वाले आठ व्यक्तियों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट चैक की गई तो उक्त रिपोर्ट का फर्जी होना पाया गया, जिस पर दिल्ली से आने वाले आठ व्यक्तियों की निशानदेही पर पांच हजार की फीस लेकर फर्जी रिपोर्ट तैयार करने वाले एक युवक और एक युवती को मुनिकीरेती पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

थाना प्रभारी निरीक्षक कमल मोहन भंडारी के मुताबिक इस मामले में मौके से पकड़े गए विनय बिष्ट पुत्र स्व. राकेश बिष्ट निवासी 14 बीघा, मुनिकीरेती, टिहरी गढवाल, शीतल स्नेही जाटव, पुत्री बबलू स्नेही जाटव निवासी अंबेड़करनगर, ऋषिकेश के विरुद्ध संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपितों को नरेंद्रनगर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।

स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े हैं आरोपित

दोनों ही आरोपित स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत अलग-अलग कंपनियों में कार्यरत है। पुलिस के मुताबिक जिसमें मुख्य आरोपित विनय स्टार इमेजिंग कंपनी में कार्यरत है, सको ढालवाला में एंटीजन परीक्षण करने का कंट्रेक्ट मिला है। वहीं, शीतल ऋषिकेश में नोवस पैथोलॉजी लैब में कंप्यूटर ऑपरेटर का कार्य करती है और दोनों ही एक-दूसरे से पूर्व से परिचित हैं।

ऐसे दिया घटना को अंजाम

जिस समय दिल्ली से आने वाले युवकों ने बूथ पर आपना एंटीजन टैस्ट करवाने का कहा गया उस समय आरोपित बूथ पर अकेले ही था, जहां पर उसने एंटीजन किट समाप्त होने एवं इस कारण आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने को कहा गया। इसके बाद आरोपित विनय बिष्ट ने पांच हजार रुपये फीस लेकर नोवस पैथोलॉजी लैब से शीतल को 1600 रुपये देकर वहां से झूठी रिपोर्ट तैयार करायी। अगर विवेचना के दौरान किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता प्रकाश में आती है तो संबंधित के विरुद्ध भी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

नोवस पैथ लैब्स की प्रबंधक मल्लिका भट्ट का कहना है कि ये हरिद्वार चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तराखंड की ओर से मान्यता प्राप्त कोविड जांच प्रयोगशाला है। कुछ लोग लैब के नाम से फर्जी रिपोर्ट बनाने का काम कर रहे हैं। इस मामले में जो लोग पकड़े गए हैं उनका लैब से कोई संबंध नहीं है। नोवस पैथ लैब की समस्त रिपोर्ट क्यू आर कोड के साथ आती है। नगर निगम, ऋषिकेश में अस्थाई कलेक्शन सेंटर के अतिरिक्त हमारा कोई कलेक्शन सेंटर ऋषिकेश में नहीं है।

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