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स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया दौरा, बुखार पीड़ित मिले 12 लोग Dehradun News

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कई क्षेत्रोें का दौरा किया। इस दौरान बुखार से पीड़ित करीब 12 लोग मिले।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 11:23 AM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 11:23 AM (IST)
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया दौरा, बुखार पीड़ित मिले 12 लोग Dehradun News
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया दौरा, बुखार पीड़ित मिले 12 लोग Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नया गांव पेलियो, नाथूवाला, शीशमबाड़ा, रतनपुर आदि क्षेत्रों का दौरा किया। क्षेत्र में कई लोगों के बीमार होने की सूचना पर विभागीय टीम ने लगातार दूसरे दिन भी अलग-अलग स्थानों का दौरा कर वस्तुस्थिति जानी। इस दौरान बुखार से पीड़ित करीब 12 लोग मिले। 

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इनमें कुछ डेंगू संदिग्ध भी शामिल हैं। बुखार से पीड़ित लोगों को दवा दी गई। वहीं, डेंगू संदिग्ध मरीजों का ब्लड सैंपल लिया गया। टीम ने क्षेत्र में डेंगू के मच्छर के लार्वा की पहचान के लिए भी अभियान चलाया। जिन जगह पर लार्वा मिला उसको मौके पर ही नष्ट किया गया।

वहीं स्थानीय विधायक सहदेव सिंह पुंडीर की अध्यक्षता में एक बैठक भी आयोजित की गई। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अलावा क्षेत्रवासी भी शामिल हुए। बैठक में निर्णय लिया गया कि क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया जाएगा। 

मुख्य चिकित्साधिकारी ने इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निर्देशित किया है। साथ ही क्षेत्रवासियों को बताया कि यदि उनके क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति वायरल से पीड़ित है, या डेंगू संदिग्ध है तो उसका उपचार नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में कराया जाए और जांच के लिए ब्लड सैंपल भी लैब में भेजा जाए। ताकि जांच रिपोर्ट के आधार पर डेंगू की पहचान की जा सके। किसी भी तरह की अफवाह से सावधान रहने की बात भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्रवासियों को कही है। 

टीम में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश चौहान,  जिला मलेरिया अधिकारी जगदीश बहुगुणा, जय कृष्ण बंपाल, इंद्रपाल सिंह व क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता भी शामिल रहीं। उधर, जिला वैक्टर जनित रोग अधिकारी सुभाष जोशी ने बताया कि गुरुवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नया गांव पेलियो में बुखार से पीडि़त सात मरीजों के ब्लड सैंपल लिए गए। जिन्हें जांच के लिए दून अस्पताल की लैब में भेजा गया है। जिन तीन मरीजों के ब्लड सैंपल एक दिन पहले लिए गए थे उनमें दो की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। 

देहरादून में 77 और मरीजों को लगा डेंगू का डंक

उत्तराखंड में डेंगू से पीछा नहीं छूट रहा है। रोजाना डेंगू के नए मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। एक ओर डेंगू का मच्छर कहर बरपा रहा है, वहीं कुछ क्षेत्रों से अफवाहें भी खूब उड़ रही हैं। ऐसे में महकमे को सूझ नहीं रहा कि डेंगू की बीमारी फैलाने वाले एडीज मच्छर से पार पाया जाए या फिर अफवाहों पर विराम लगाया जाए। जनपद देहरादून में डेंगू के 77 नए मामले सामने आए हैं। 

इस तरह डेंगू पीड़ितों की अब तक  की संख्या बढ़कर 4464 पहुंच गई है। जबकि राज्य में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा आठ हजार से ऊपर पहुंच गया है। इनमें भी देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर सबसे अधिक प्रभावित हैं। 

मरीजों से बाहर से मंगवा रहे दवा 

कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में भर्ती डेंगू मरीजों का हाल जाना। इस दौरान उन्होंने मरीजों से बात कर उनकी समस्याएं भी सुनी। साथ ही अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा के साथ डेंगू वार्ड व सर्जरी वार्ड का भ्रमण भी किया। बातचीत में कुछ मरीजों ने शिकायत की कि डॉक्टर उनसे बाहर से दवा मंगा रहे हैं।

धस्माना ने चिकित्सा अधीक्षक से इस संबंध में बात की। कहा कि चिकित्सकों के लिए एडवाइजरी जारी की जानी चाहिए कि वह बाहर से दवा ना मंगवाएं। अस्पताल में उपलब्ध दवाएं ही मरीजों को दी जाएं। इसके बाद चिकित्सा अधीक्षक ने भी सभी चिकित्सकों व स्टाफ को इस संबंध में निर्देश दिए।

अस्पताल में शौचालय की बदहाली व गंदगी की शिकायत भी मरीजों ने की है। कहा कि कई वार्डों में पंखे नहीं चल रहे हैं। जिस पर चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि अस्पताल में व्यवस्थाएं सुधारी जा रही हैं। धस्माना व चिकित्सा अधीक्षक ने अस्पताल परिसर में फ्री फूड फाउंडेशन द्वारा वितरित किए जा रहे निश्शुल्क भोजन वितरण कार्यक्रम में भी प्रतिभाग किया और तीमारदारों को भोजन बांटा। 

डेंगू के उपचार का ज्यादा बिल, फूटा गुस्सा 

नेहरू कॉलोनी क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में डेंगू पीड़ितों का अत्याधिक बिल बनाने पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया। जानकारी के मुताबिक सहसपुर के एक 72 वर्षीय बुजुर्ग को तबीयत खराब होने पर बुधवार को यहां भर्ती कराया गया था। अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें यहां भर्ती रखने की एवज में और रुपये की डिमांड की। ऐसा ना करने पर कहीं और ले जाने की बात कही। 

22 हजार बिल बनाने पर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। वहीं, कई अन्य मरीजों के परिजनों ने भी अस्पताल प्रबंधन पर मनमानी का आरोप लगाया। कहा कि दो दिन में ही अस्पताल ने 30-35 हजार रुपये का बिल बना दिया है। अस्पताल पर एंबुलेंस संचालकों से साठगांठ का भी अरोप लगाया। 

नेहरू कॉलोनी चौकी प्रभारी अजय रावत ने बताया कि सहसपुर के कांग्रेस नेता आजाद अली मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने परिजनों को समझा बुझाकर शांत किया। वहीं, अस्पताल प्रबंधन से पुलिस की मौजूदगी में बात की गई। मरीजों की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए उनका बिल कम कराया गया। तब जाकर मामला सुलझा।

यूएस नगर में स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेगी टीम

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों का जायजा लेने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम दून पहुंची है। टीम ने राज्य के अधिकारियों से स्वास्थ्य सेवाओं पर फीडबैक लिया। इस दौरे में टीम का खास फोकस हरिद्वार व उधमसिंह नगर जनपद पर रहेगा। जहां सीएचसी-पीएचसी से लेकर जिला अस्पताल स्तर तक मरीजों को प्रदान की जा रही सुविधाओं को जांचा जाएगा।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. अंजलि नौटियाल ने बताया कि यह टीम प्रतिवर्ष राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेने पहुंचती है। बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की निदेशक डॉ. अरुणा जैन की अगुवाई में यह टीम वीरवार को दून के राजपुर रोड स्थित होटल में पहुंची थी। यहीं पर मिशन निदेशक युगल किशोर पंत एवं अन्य अफसरों ने उन्हें राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर ब्रीफ किया। 

टीम में अन्य राज्यों के अफसर भी शामिल हैं। टीम खासतौर से हरिद्वार एवं ऊधमसिंहनगर में एनएचएम एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचालित योजनाओं का हाल जानेगी। इस दौरान गांव से लेकर शहर तक के अस्पताल में जाकर टीम मरीजों समेत अस्पताल स्टाफ आदि का भी फीडबैक भी लेगी। साथ ही निचले अस्पतालों से लेकर बड़े अस्पतालों में सुविधाओं एवं संसाधनों का ब्योरा भी जुटाएगी।

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उधर, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने भी केंद्रीय टीम के सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने भी टीम को राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जानकारी दी। कहा कि विभाग का पूरा फोकस सुधार की ओर है। एनएचएम में आई खराब रैंकिंग के मद्देनजर तमाम स्वास्थ्य सूचकांक में सुधार के लिए लक्ष्य तय किए गए हैं। इसके लिए अफसरों को दिशा निर्देश दिए गए हैं।

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