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सीएम बोले, ट्रंचिग ग्राउंड की जमीन पर बनेगा पर्यटक स्थल

पुराने ट्रंचिंग ग्राउंड में पर्यटक स्थल बनाया जाएगा। सीएम रावत ने ये बात ग्राउंड के निरीक्षण के दौरान कही।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 08:09 PM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 08:16 AM (IST)
सीएम बोले, ट्रंचिग ग्राउंड की जमीन पर बनेगा पर्यटक स्थल
सीएम बोले, ट्रंचिग ग्राउंड की जमीन पर बनेगा पर्यटक स्थल

देहरादून, जेएनएन। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और महापौर सुनील उनियाल गामा ने सहस्रधारा रोड स्थित पुराने ट्रंचिंग ग्राउंड का निरीक्षण किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि शहर में सरकार के पास एक स्थान पर इतनी बड़ी जमीन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इस स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए कुछ प्रस्ताव भी मिले हैं, जिन पर विचार किया जा रहा है। 

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बता दें, सहस्रधारा रोड पर नगर निगम का पुराना ट्रंचिंग ग्राउंड है। इस मैदान को शिफ्ट करने को लेकर आसपास रहने वाले लोग विरोध करते रहे हैं। करीब एक दशक तक लोगों ने इसकी शिफ्टिंग की लड़ाई लड़ी। वर्ष 2017 में नगर निगम ने इस ट्रंचिंग ग्राउंड को शीशमबाड़ा में नया प्लांट बनाकर शिफ्ट कर दिया था। तब से इस डंपिंग जोन पर नगर निगम ने ताला डाला हुआ था। नगर निगम की ओर से यहां मौजूद कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करने की लगातार बात कही जाती रही है। 

इस बीच, रविवार को मुख्यमंत्री ने यहां निरीक्षण किया। उन्होंने महापौर सुनील उनियाल गामा, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे की मौजूदगी में डंपिंग जोन का जायजा लिया। मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि इस स्थान को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने की योजना है। कहा कि वह पहले भी यहां आए थे, लेकिन पहले यहां चलने लायक स्थिति नहीं थी। लेकिन अब कूड़ा काफी हद तक बैठ चुका है। ऐसे में अब यह कोई योजना शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। 

कहा कि इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल या पार्क के तौर पर विकसित किया जाता है तो शहरवासियों के लिए सौगात रहेगी। साथ ही कहा कि चूंकि सालों तक यहां कूड़ा गिरता रहा है तो इस स्थान पर भूजल भी काफी हद तक दूषित हो चुका होगा। ऐसे में यहीं पर किसी स्थान को जलसंचयन के लिए चिह्नित कर प्रयास होगा कि भूजल को रिचार्ज किया जा सके।

सौंग पर काम इसी साल से

सौंग नदी पर प्रस्तावित बांध का काम इस साल के अंत तक शुरू हो सकता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बांध के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से जरूरी एनओसी मिलनी शुरू हो गई है। एक एनओसी रह गई है। उम्मीद है कि साल के अंत तक बांध का टेंडर कर यहां पर काम शुरू कर दिया जाए। संकल्प से सिद्धि अभियान के बावत कहा कि इसके अच्छे परिणाम पहले चरण में देखने को मिले हैं। कम से कम अब लोग प्रदेश की नदियों को बचाने की बात करने लगे हैं। रिस्पना पर लगाए गए पौधों का भी हाल में उन्होंने निरीक्षण किया था।

मोदी का आना हमारे लिए शुभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि देश के प्रधानमंत्री बार-बार यहां आते हैं। इससे दुनियाभर में राज्य को लेकर बेहतर संदेश जाता है। केदारनाथ आपदा के बाद उत्तराखंड को असुरक्षित कहा जाने लगा था। लेकिन अब सुरक्षित उत्तराखंड-सुरक्षित यात्रा का संदेश पूरे विश्व में गया है। 

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