Adventure tourism: अब जिला मुख्यालय में रखना होगा ट्रैकर्स का डाटा, आइजी गढ़वाल ने ये भी दिए निर्देश
ट्रैकिंग के दौरान पर्यटक-ट्रैकर्स कई दफा रास्ता भटकने के कारण लापता हो जाते हैं। ऐसे में आइजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने पुलिस को जिला मुख्यालयों में ट्रैकिंग रूटों का डाटा रखने के न
देहरादून, जेएनएन। Adventure tourism ट्रैकिंग के दौरान पर्यटक और ट्रैकर्स कई दफा रास्ता भटकने के कारण लापता हो जाते हैं। ऐसे में आइजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने पुलिस को जिला मुख्यालयों में ट्रैकिंग रूटों का डाटा रखने के निर्देश दिए हैं। कहा कि ट्रैकिंग पर जाने वाले ट्रैकर्स की पूरी जानकारी संबंधित थाना और जिला मुख्यालय में होनी चाहिए। आइजी गढ़वाल ने कहा कि गढ़वाल क्षेत्र के जनपदों में काफी संख्या में ट्रैकिंग रूट हैं। जिस कारण यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक और ट्रैकर्स ट्रैकिंग के लिए आते हैं।
स्थानीय स्तर पर पर्यटन विभाग और कई ट्रेनिंग ग्रुप ऑपरेटर्स भी ट्रैकिंग करवाते हैं। ट्रैकिंग रूट दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में होने के कारण जोखिमभरे होते हैं। कभी-कभी ट्रैकिंग के दौरान किसी प्राकृतिक आपदा के कारण ट्रैकर्स के साथ घटना होने की भी संभावना रहती है। ऐसी घटनाएं पहले भी प्रकाश में आ चुकी हैं। पर्यटक और ट्रैकर्स को स्थानीय भौगौलिक परिस्थितियों की सही जानकारी न होने पर वह रास्ता भटक जाते हैं। जबकि स्थानीय पुलिस प्रशासन के पास ट्रैकरों की पूरी जानकारी पूर्व से न होने के कारण उनकी मॉनिटिरिंग नहीं हो पाती है।
यह भी दिए निर्देश
- ट्रैकिंग पर जाने वाले ग्रुप ट्रैकर्स का संबंधित थानों में पूरा विवरण रखा जाए। दल में कितने व्यक्ति हैं, उनके नाम, मोबाइल नंबर और पता भी रखें।
- ट्रैकिंग के पूरे रूट का विवरण और इस रूट पर ट्रैकिंग के पूरा होने के संभावित समय की जानकारी पुलिस थाना और चौकी को रहे, जिससे ट्रैक समाप्त होने पर इसकी जानकारी ट्रैक समाप्ति वाले थाना चौकी को देने की व्यवस्था हो।
- एलआइयू, थाना, जिला मुख्यालय स्तर के मीडिया सेल के माध्यम से ट्रैकिंग दल से समन्वय रखने की व्यवस्था की जाए।
- प्रयास किया जाए कि जो भी ट्रैकिंग ग्रुप ट्रैकिंग पर जाएं, उनके साथ स्थानीय गाइड अवश्य रहे।
- स्थानीय ट्रैकिंग ऑपरेटर्स, पर्यटन विभाग, वन विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों से भी इस संबंध में पूरा समन्वय रखा जाए।
- -ट्रकिंग रूट पर पड़ने वाले समस्त थानों, चौकियों, राजस्व पुलिस अपने-अपने क्षेत्र में ट्रैकिंग पर चल रहे ग्रुप का विवरण रखेंगे, जिससे ट्रैकर्स के मूवमेंट की पूरी जानकारी मिलती रहे।
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