निकाय चुनाव के बाद अफसरशाही में फेरबदल!
शासन में निकाय चुनावों के बाद एक बार फिर अफसरशाही में बदलाव की संभावनाएं बनती नजर आ रही हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: शासन में निकाय चुनावों के बाद एक बार फिर अफसरशाही में बदलाव की संभावनाएं बनती नजर आ रही हैं। कारण यह कि अब अगले कुछ महीनों में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है। सरकार इस अवधि में सभी लंबित कार्यो को पूरा करना चाह रही है। ऐसे में बेहतर परिणाम देने वाले अधिकारियों को यह जिम्मा दिया जा सकता है। इतना ही नहीं सचिव स्तर के जो अधिकारी अभी जिलों में बने हुए हैं उन्हें भी अब शासन में अहम जिम्मेदारी देने की तैयारी है।
प्रदेश में इस समय विजन 2020 के तहत काम करने को सरकार व शासन ने अपनी प्राथमिकता में शामिल किया हुआ है। जाहिर है कि 2019 के शुरूआती महीनों में कहीं न कहीं इनकी प्रगति जनता के सामने रखनी होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व उनका मंत्रिमंडल प्रदेश में चल रही केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं पर नजर रखे हुए हैं। वह कई बार इन योजनाओं की सुस्त रफ्तार पर अपनी नाराजगी भी जता चुके हैं।
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री कार्यालय में सभी अधिकारियों के कार्यो व उनकी कार्यशैली पर लगातार नजर रखी जा रही है। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए सरकार ने बकायदा सभी अधिकारियों की सूची उनके विभाग और इसके तहत चल रही योजनाओं की प्रगति का रिपोर्ट कार्ड भी बनवाया है। इतना ही नहीं एनएच 74 मुआवजा वितरण प्रकरण में दो अधिकारियों को हटाने के बाद अधिकारियों के रवैये पर भी सरकार की नजर है।
हाल ही में मुख्यमंत्री व उनके अपर मुख्य सचिव के स्टिंग के प्रयास प्रकरण पर भले ही कुछ लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई हो, लेकिन इस प्रकरण के सामने आने के बाद कई अधिकारी भी सरकार के निशाने पर हैं। प्रदेश में निकाय चुनावों की आचार संहिता के चलते सरकार ने फिलहाल किसी अधिकारी को छेड़ा नहीं है। माना जा रहा है कि निकाय चुनावों की आचार संहिता के बाद सरकार नौकरशाही में फेरबदल को अंजाम देगी।