पीड़ित व पुलिस के बीच की अहम कड़ी हैं अभियोजन अधिकारी
अभियोजन अधिकारी न्याय दिलाने में पीड़ित और पुलिस के बीच अहम कड़ी होते हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून: अभियोजन अधिकारी न्याय दिलाने में पीड़ित और पुलिस के बीच अहम कड़ी होते हैं। यह बात सूबे के पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था (डीजी एलओ) अशोक कुमार ने पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) नरेंद्र नगर में पुलिस उपाधीक्षक, जिला कमांडेंट होमगार्ड व अन्य प्रशिक्षुओं के लिए जन शिकायतों का निस्तारण विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए कही। इससे पहले डीजी एलओ ने पीटीसी में सहायक अभियोजन अधिकारियों के आधारभूत प्रशिक्षण का औपचारिक उद्घाटन किया।
कार्यक्रम में डीजी एलओ ने कहा कि प्रशिक्षुओं को अपने कार्यक्षेत्र में जाकर मानव संवेदनाओं को समझते हुए पीड़ित, असहाय, गरीब जनता की सेवा करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने प्रशिक्षुओं को आपराधिक न्याय प्रशासन में अभियोजन की भूमिका से अवगत कराते हुए शोषित वर्ग के प्रति संवेदनशीलता और पुलिस व अभियोजक के बीच सामंजस्य स्थापित कर पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए प्रेरित किया। डीजी एलओ ने जन शिकायतों के निस्तारण, साइबर क्राइम, समय प्रबंधन, पुलिस की छवि, उत्तराखंड पुलिस की चुनौतियां आदि विषयों पर भी प्रशिक्षुओं का मार्गदर्शन किया। उन्होंने बताया कि शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु संयम और उत्तरदायित्व के साथ काम करने की आवश्यकता होती है। साथ ही प्रशिक्षुओं को आधारभूत प्रशिक्षण के बाद व्यवहारिक प्रशिक्षण के दौरान न्यायालय में अभियोजन कार्यो में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए प्रोत्साहित किया।
इस मौके पर डीआइजी एवं निदेशक पीटीसी मुख्तार मोहसिन, अपर निदेशक (विधि) हरि विनोद जोशी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक टिहरी गढ़वाल डॉ. योगेंद्र सिंह, पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र नगर प्रमोद शाह, पुलिस उपाधीक्षक पीटीसी दिनेश चंद बडोला, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी खेम सिंह राणा, अभियोजन अधिकारी पीटीसी उर्वशी चौहान, प्रतिसार निरीक्षक पीटीसी मनीष जसवाल, सहायक अभियोजन अधिकारी आशीष गुप्ता, निरीक्षक पीटीसी दुर्गा प्रसाद व अन्य उपस्थित रहे।