सीएम से वार्ता के बाद रणनीति तय करेंगे व्यापारी, Dehradun News
दून उद्योग व्यापार मंडल ने प्रशासन पर राजस्व एक्ट और कानून की आड़ में उत्पीड़न का आरोप लगाया। व्यापारियों ने तय किया कि जल्द उनका प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा।
देहरादून, जेएनएन। दून उद्योग व्यापार मंडल ने प्रशासन पर राजस्व एक्ट और कानून की आड़ में उत्पीड़न का आरोप लगाया। व्यापारियों ने तय किया कि जल्द उनका प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा। इसके बाद ही आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। कहा कि किसी भी कीमत पर दुकानें टूटने नहीं दी जाएंगी।
व्यापार मंडल की रविवार दोपहर में धर्मपुर स्थित शिव मंदिर में बैठक हुई। बैठक में अध्यक्ष विपिन नागलिया ने कहा कि शहर में अतिक्रमण हटाने के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। जो बाजार 100 सालों से स्थापित हैं, जहां दुकानें, सड़क, नाली से पीछे हैं, नक्शे भी नगर पालिका के पास दर्ज हैं। सड़क की चौड़ाई भी बाधित नहीं है। नियमानुसार बिजली, पानी, नगर निगम का टैक्स भरा जा रहा है, उन्हें भी अचानक अवैध घोषित कर दिया है।
गुस्साए स्वर में कहा कि प्रशासन हाई कोर्ट का भय दिखाकर राजस्व अधिनियम 1938 कहीं 1992, कहीं लोनिवि या एमडीडीए के मास्टर प्लान की आड़ में गलत ढंग से अतिक्रमण के निशान लगाए जा रहे हैं। नागलिया ने कहा कि हाई कोर्ट ने सड़क, नाली, फुटपाथ, सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं, लेकिन नाली से तीन-चार फिट पीछे की दुकानों को भी तोड़ा जा रहा है। मंत्री सुनील मैसोन ने कहा कि बारिश, धूप से बचने के लिए 50-60 साल पुरानी दुकानों में तीन-चार फिट के छज्जे बनाए हैं, जिनसे यातायात बाधित नहीं हो रहा है, उनको भी तोड़ा जा रहा है।
कांवली रोड, करनपुर, प्रेमनगर बाजार में 80 साल पुराने हाथ से बने हुए राजस्व नक्शे को आधार बनाकर जबरन ध्वस्तीकरण हो रहा है। आरोप लगाया कि अतिक्रमण की आड़ में व्यापारियों की संपत्ति का अधिग्रहण कर सड़क चौड़ीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एमडीडीए ने जीएमएस रोड, मोहब्बेवाला, जाखन, मसूरी रोड, बंजारावाला, आइएसबीटी, माता मंदिर रोड, मोथरोवाला में दुकानदारों को नक्शे, अन्य कागजात पेश करने के नोटिस आए हैं।
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साथ ही आवासीय क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधि के बारे में भी जवाब मांगा है। यह सब पूर्व में ग्रामीण इलाके थे। तब यहां नक्शे का कोई प्रावधान नहीं था। ये इलाके नगर पालिका में 2003, 2008 में आए। इसके बाद एमडीडीए में आए हैं ऐसे में वे व्यापारी पुराने नक्शे, दस्तावेज कहां से लाएंगे। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट का भय दिखा 31 दिसंबर तक वन टाइम सेटलमेंट, कंपाउंडिंग के लिए दवाब बनाया जा रहा है। दिवाली का पर्व सिर पर है, ऐसे में व्यापारियों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। बाद में अनिल गोयल ने कहा कि व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल एक बार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात करेगा। इसके बाद आगे की रणनीति तय होगी। इसे सभी व्यापारियों ने स्वीकार कर लिया है। बैठक में मीत अग्रवाल, बृजलाल बंसल, डीडी अरोड़ा, दीपक गुप्ता, कुलभूषण अग्रवाल, विजेंद्र थपलियाल, इकबाल हुसैन, संजय मिश्र आदि मौजूद थे।
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