Move to Jagran APP

आठ व नौ जनवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होंगी ट्रेड यूनियन

उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन्स समन्वय समिति के बैनर तले उत्तराखंड के विभिन्न ट्रेड यूनियन आगामी आठ और नौ जनवरी को घोषित देशव्यापी हड़ताल में शामिल होगी।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 10:03 AM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 10:03 AM (IST)
आठ व नौ जनवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होंगी ट्रेड यूनियन
आठ व नौ जनवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होंगी ट्रेड यूनियन

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन्स समन्वय समिति के बैनर तले उत्तराखंड के विभिन्न ट्रेड यूनियन आगामी आठ और नौ जनवरी को घोषित देशव्यापी हड़ताल में शामिल होगी। 

loksabha election banner

प्रेस क्लब में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में इंटक के प्रांतीय अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट, सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष वीरेंद्र भंडारी, बैंक यूनियन के जगमोहन सिंह मेंहदीरत्ता, एटक के प्रांतीय महामंत्री अशोक शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार मजदूर विरोधी है। 

उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों में ऐसे संशोधन किए जा रहे हैं, जिससे मजदूरों के अधिकार छिन रहे हैं। उत्तराखंड में भी प्रदेश सरकार लगातार मजदूर विरोधी निर्णय ले रही हैं। संगठनों ने 12 सूत्रीय मांगपत्र सरकार को दिया था, लेकिन आज तक उनमें कोई कार्रवाई नहीं हुई। केंद्र की ओर से जहां सभी समझौतों में इंटक को वंचित किया जा रहा है, वहीं राज्य में भी वार्ता, समझौतों में केवल भारतीय मजदूर संघ को शामिल कर रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य के उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों को न्यूनतम वेतन का पुनरीक्षण का मामला कई महीनों से लंबित चल रहा है। सरकार रोजगार सुरक्षा को समाप्त कर रही है। केंद्र की ओर से सामरिक महत्व की सार्वजनिक क्षेत्रों में एफडीआइ लाकर उन्हें निजी क्षेत्रों के हवाले कर रही है। इलेक्ट्रीसिटी बिल में संशोधन कर सरकार ऊर्जा क्षेत्र को भी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर चुकी है। 

उन्होंने कहा कि कईं ऐसे मुददे हैं जिससे यह साबित होता है कि केंद्र व राज्य सरकारें लगातार श्रमिक विरोधी कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा और इसमें सभी ट्रेड यूनियन हड़ताल में शामिल होगी। इस दौरान एपी अमोली, बीरेंद्र सिंह नेगी, समर भंडारी, धीरज भंडारी, दीपक शर्मा, सुरेंद्र सिंह नेगी, आदि मौजूद थे।

अब 14 निगमों के 40 हजार कर्मचारी आंदोलन की राह पर

मुख्यमंत्री के साथ चार माह पहले हुई त्रिपक्षीय वार्ता पर सकारात्मक कार्रवाई न होने से नाराज राज्य निगम कर्मचारी-अधिकारी महासंघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है। महासंघ ने 21 जनवरी को परेड ग्राउंड में प्रदेश स्तरीय धरना-प्रदर्शन कर उग्र आंदोलन का निर्णय लिया है। इसमें प्रदेश के 14 निगमों के 40 हजार कर्मचारी शामिल होंगे। 

राज्य कर्मचारी-अधिकारी समन्वय मंच के आंदोलन के बाद राज्य निगम कर्मचारी-अधिकारी महासंघ ने भी 11 सूत्रीय मांगों के निराकरण को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महासंघ की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि 17 अगस्त 2017 को मुख्यमंत्री के साथ त्रिपक्षीय वार्ता हुई थी। वार्ता के अनुरूप कोई कार्रवाई न होने पर महासंघ ने आंदोलन की रणनीति बनाई है। इसके तहत 21 जनवरी को सांकेतिक रूप से प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन परेड ग्राउंड में आयोजित किया जाएगा। 

महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुसाई और महासचिव वीएस रावत ने बताया कि आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी निगम कर्मचारियों और अधिकारियों को सूचना दे दी है। एक दिन के आंदोलन के बाद धरना स्थल पर आगे के आंदोलन की घोषणा की जाएगी। 

निगम महासंघ की प्रमुख मांगें 

-सातवें वेतनमान के एरियर और भत्तों का भुगतान किया जाए। 

-निगमों का एकीकरण और राजकीयकरण किया जाए। 

-परिवहन निगम की बकाया धनराशि 80 करोड़ का शीघ्र भुगतान किया जाए। 

-सार्वजनिक निगमों में एक समान पेंशन लागू की जाए। 

-एमएसीपी व्यवस्था के तहत सीआर श्रेणी को खत्म किया जाए। 

-आयुष्मान भारत योजना के तहत निगम पैनल में शामिल अस्पतालों में सुविधा दी जाए। 

-दैनिक, संविदा और उपनल पर लगे कर्मियों को नियमित किया जाए। 

-यूपी और उत्तराखंड की परिसंपत्ति का बंटवारा कर बाजारभाव के अनुरूप भुगतान किया जाए। 

-परिवहन निगम के 424 परिचालकों पर लगी रोक हटाई जाए। 

-निगमों में सप्तम वेतन के अनुसार ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाए। 

-परिवहन व वन विकास निगम के कार्मिकों को एसीपी का लाभ दिया जाए।

यह भी पढ़ें: सख्ती के बाद 108 फील्ड कर्मियों की हड़ताल स्थगित

यह भी पढ़ें: पेयजल निगम कर्मियों ने दी सात से हड़ताल की चेतावनी

यह भी पढ़ें: शासन के नरम रुख से टला रोडवेज कर्मियों का आंदोलन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.