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बदरीधाम में ठंड से बचाव को हों पुख्ता इंतजाम : पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सुझाव दिया कि बदरीनाथ के मौसम को देखते हुए वहां यात्रियों को ठंड से बचाव के मद्देनजर पुख्ता इंतजाम जरूरी हैं।

By Edited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 07:40 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 09:32 AM (IST)
बदरीधाम में ठंड से बचाव को हों पुख्ता इंतजाम : पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज
बदरीधाम में ठंड से बचाव को हों पुख्ता इंतजाम : पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री के निर्देशों के क्रम में तैयार किए गए बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान को लेकर सरकार सक्रिय हो गई है। इस कड़ी में शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के सम्मुख मास्टर प्लान का प्रस्तुतीकरण दिया गया। महाराज ने सुझाव दिया कि बदरीनाथ के मौसम को देखते हुए वहां यात्रियों को ठंड से बचाव के मद्देनजर पुख्ता इंतजाम जरूरी हैं। उन्होंने ग्लेश्यिर से सुरक्षा के मद्देनजर गहन अध्ययन पर भी जोर दिया।

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जून के दूसरे हफ्ते में केदारनाथधाम में चल रहे पुननिर्माण कार्यों की समीक्षा के दरम्यान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बदरीनाथ के लिए भी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। सरकार ने कंसल्टेंसी के जरिये केदारनाथ की तर्ज पर बदरीनाथ का मास्टर प्लान तैयार किया है। प्रस्तावित प्लान में बदरीनाथ मंदिर के चारों तरफ भवनों को हटाकर जगह खुली रखने की बात है, ताकि श्रद्धालुओं का आवागमन सुगम हो। यात्रियों के लिए वन वे सिस्टम, बदरी व शेषनेत्र तालाब के सौंदर्यीकरण, मंदिर के ठीक पीछे बदरीश वन की स्थापना समेत अन्य कार्य प्रस्तावित किए गए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के समक्ष इसका प्रस्तुतीकरण हो चुका है।

शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के समक्ष मास्टर प्लान का प्रस्तुतीकरण किया गया। उन्होंने प्लान के बारे में बिंदुवार जानकारी ली। बाद में कैबिनेट मंत्री महाराज ने बताया कि बदरीनाथ में मौसम पल-पल पर बदलता है। चारों तरफ जगह खुली रखने से यात्रियों को दिक्कत हो सकती है। ऐसे में यात्रियों को ठंड से बचाव के लिए भी इंतजाम जरूरी हैं।

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महाराज के अनुसार बदरीनाथ में ग्लेश्यिर के खतरे से निबटने को बदरीश वन की बात कही गई है, मगर सिर्फ इतने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि ग्लेश्यिर के खतरे के मद्देनजर और अध्ययन करा लिया जाए। उन्होंने प्लान में भौगोलिक विषमताओं को ध्यान में रखने, सेनिटाइजेशन, सुरक्षित शारीरिक दूरी, दिव्यांगजनों के लिए प्रभावी व्यवस्था, पैदल पथ पर यात्री सुविधाएं बढ़ाने सहित अन्य सुझाव भी दिए हैं।

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