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लौटने लगी उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों की रौनक, व्यवसायियों के चेहरों पर भी लौटी मुस्कान

कोरोना संकट के चलते पिछले सात माह से उत्तराखंड में ठप पड़ी पर्यटन गतिविधियां फिर से पटरी पर लौटने लगी हैं। अनलॉक-पांच में मिली छूट के बाद ठीकठाक संख्या में सैलानियों के उत्तराखंड की तरफ रुख करने से पर्यटक स्थल गुलजार होने लगे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 02:49 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 02:49 PM (IST)
लौटने लगी उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों की रौनक, व्यवसायियों के चेहरों पर भी लौटी मुस्कान
अनलॉक-पांच में मिली छूट के बाद ठीकठाक संख्या में सैलानियों के उत्तराखंड की तरफ रुख करने लगे हैं।

देहरादून, केदार दत्त। कोरोना संकट के चलते पिछले सात माह से उत्तराखंड में ठप पड़ी पर्यटन गतिविधियां फिर से पटरी पर लौटने लगी हैं। अनलॉक-पांच में मिली छूट के बाद ठीकठाक संख्या में सैलानियों के उत्तराखंड की तरफ रुख करने से पर्यटक स्थल गुलजार होने लगे हैं। फिर चाहे वह पहाड़ों की रानी मसूरी हो अथवा सरोवरनगरी नैनीताल या फिर लैंसडौन, रानीखेत, अल्मोड़ा, खिर्सू समेत अन्य पर्यटक स्थल, सभी जगह सैलानियों की आमद से रौनक लौट आई है। साथ ही पर्यटन व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों के चेहरों पर भी मुस्कान साफ देखी जा सकती है। हालांकि, कोविड की चुनौती अभी भी बरकरार है, लेकिन सभी जगह सैनिटाइजर, मास्क, सुरक्षित शारीरिक दूरी समेत अन्य मानकों का कड़ाई से पालन भी किया जा रहा है। पर्यटकों के साथ ही स्थानीय निवासियों के कोविड से बचाव के दृष्टिगत यह आवश्यक भी है। 

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आर्थिकी का बड़ा जरिया है पर्यटन

दरअसल, उत्तराखंड में पर्यटन यहां की आर्थिकी से जुड़ा महत्वपूर्ण क्षेत्र है। सामान्य दिनों में उत्तराखंड में प्रतिवर्ष साढ़े तीन करोड़ के आसपास सैलानी आते हैं। इनमें 44.2 फीसद की भागीदारी तीर्थयात्रियों की है, जो यहां के चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री समेत अन्य धार्मिक स्थलों में आते हैं। शेष सैलानी यहां के कुदरती नजारों का दीदार करने के लिए विभिन्न पर्यटक स्थलों में पहुंचते हैं। आर्थिकी में पर्यटन की भूमिका को देखते हुए ही सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है। बड़ी संख्या में राज्य के लोग पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हैं। इस वर्ष भी बड़ी तादाद में पर्यटकों के उत्तराखंड पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन कारोना संकट ने सबकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अब अनलॉक-पांच में छूट मिलने के साथ ही आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट की बाध्यता समाप्त किए जाने के बाद पर्यटकों ने उत्तराखंड की तरफ तेजी से रुख किया है।

सरोवरनगरी नैनीताल की लौटी रंगत

झीलों के शहर नैनीताल में सैलानियों की आमद से फिर चहक उठा है। देशभर से बड़ी संख्या में पर्यटक नैनीताल की सैर को आ रहे हैं। इसे देखते हुए पर्यटकों और हितधारकों को इस परि²श्य के साथ जोड़ा गया है कि उत्तराखंड यात्रा करने के लिए बिल्कुल सुरक्षित है यहां सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों की व्यवस्था की गई है। नैनीताल में नौका विहार की बहाली ने तो  पर्यटन उद्योग को पटरी पर ला दिया है। नैनीताल के माल रोड, नैनी झील जैसे प्रसिद्ध स्थलों में पर्यटकों की चलहकदमी खूब बनी हुई है। इसके साथ ही सैलानी वहां साहसिक पर्यटन गतिविधियों का भी लुत्फ उठा रहे हैं। भीमताल, नौकुचियाताल, कौसानी, पंगोट, सातताल, मुक्तेश्वर समेत अन्य स्थानों पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत तमाम राज्यों से आए पर्यटकों की भीड़ देखी जा रही है। होटल, कॉटेज भी पर्यटकों से गुलजार हो रहे हैं।

पहाड़ों की रानी भी खिलखिलाई

पहाड़ों की रानी मसूरी भी पर्यटकों से गुलजार होने लगी है। खासकर वीकेंड पर तो वहां खूब भीड़ उमड़ रही है। ऐसी ही स्थिति लैंसडौन, खिर्सू समेत अन्य स्थलों की भी है। खिर्सू स्थित बासा होम स्टे में तो नया प्रयोग सैलानियों को भा रहा है। वहां प्रसिद्ध शिकारी जॉय हुकील गुलदारों से संबंधित किस्से पर्यटकों को सुना रहे हैं।

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